वाराणसी (Varanasi) के प्रतिष्ठित अस्थि रोग विशेषज्ञ, डॉ. अजीत सैगल, को 44 वर्षों से चिकित्सा सेवा में उनके अनुकरणीय योगदान और मरीजों की देखभाल के प्रति उनकी निष्ठा के लिए सम्मानित किया गया है। 29 अगस्त को, राजस्थान के अलवर स्थित सनराइज यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। यह सम्मान उन्हें यूनिवर्सिटी के डॉक्टर यतेंद्र द्रिवेदी द्वारा दिया गया।
इस मौके पर डॉ. अजीत सैगल पर आधारित एक पुस्तिका “फुट स्टेप्स ऑफ ऑर्थोपेडिक सर्जन” का भी विमोचन किया गया। साथ ही, डॉक्टर सैगल द्वारा विकसित “डॉ. सहगल HTO प्लेट” के लिए भी उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जो घुटने के गठिया और पैरों के टेढ़ेपन को ठीक करने में अत्यंत प्रभावी है।

सम्मान समारोह के दौरान, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। डॉ. सैगल के इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर उन्हें बड़ी संख्या में बधाइयाँ दी गईं।

Varanasi: गठिया के लिए बनाये प्लेट के लिए मिला सम्मान
इस अवसर पर डॉ. अजीत सैगल ने बताया कि 29 अगस्त को राजस्थान के अलवर में सनराइज यूनिवर्सिटी ने मुझे घुटने के गठिया के इलाज के लिए बनाए गए मेरे प्लेट के लिए सम्मानित किया। इस प्लेट के माध्यम से पिछले वर्ष में ही 275 मरीजों का सफल इलाज किया गया है। यह प्लेट न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी व्यापक रूप से इस्तेमाल की जा रही है और कम लागत में उपलब्ध होने के कारण, यह लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।