Varanasi: प्रशासन द्वारा लागू किए गए नए यातायात प्लान के विरोध में काशी के टोटो चालकों का आमरण अनशन पांचवे दिन भी जारी रहा। सोमवार को अनशन के पांचवे दिन, टोटो चालकों ने दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की, जिसके बाद पूरे जिले में ई-रिक्शा सेवाएं बंद कर दी गईं। सामूहिक हड़ताल के चलते शहरभर में ई-रिक्शा सेवाएं पूरी तरह बाधित रहीं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, ऑटो, बस जैसी अन्य सेवाएं चालू रहने से लोगों को कुछ राहत मिली। ई-रिक्शा चालकों का यह हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहने की संभावना है।
अखिल भारतीय टोटो यूनियन के अध्यक्ष प्रवीण काशी ने कहा कि ई-रिक्शा चालकों ने अपनी मांगों के समर्थन में चार दिनों से अनशन जारी रखा है, लेकिन प्रशासन और यातायात पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हमारे सत्याग्रह को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया है, जो स्वास्थ्य जांच के रूप में एक प्रतीकात्मक कदम था, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।

प्रवीण काशी ने महापंचायत में घोषणा की कि सभी टोटो चालकों को प्रशासन द्वारा प्रस्तावित एरिया बंटवारे और बारकोड लगाने की योजना का एकजुट होकर विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी टोटो चालक बारकोड नहीं लगाएगा और न ही प्रशासन की विभाजनकारी योजनाओं का हिस्सा बनेगा। 9 और 10 तारीख को वाराणसी में टोटो चालकों की पूर्ण हड़ताल होगी, और यूनियन के इस निर्णय को सभी टोटो चालक मानेंगे।
Varanasi: जो चालक आंदोलन में शामिल नहीं हुआ, तो उसका एरिया होगा सिमित
प्रवीण काशी ने चेतावनी दी कि अगर किसी टोटो चालक ने गलती से या बहकावे में आकर बारकोड लगवाया, तो उसे एक ही इलाके में सीमित कर दिया जाएगा, जिससे उसकी कमाई प्रभावित होगी। एक ही मोहल्ले में सीमित होने के कारण यात्रियों की संख्या कम हो जाएगी, और उसकी आय पर असर पड़ेगा। महंगाई के इस दौर में टोटो चालकों के लिए जीवन यापन पहले ही कठिन हो चुका है, और यह हड़ताल उनके अस्तित्व की लड़ाई है।

उन्होंने कहा कि प्रशासन की नीतियों का उद्देश्य टोटो चालकों की रोजी-रोटी को समाप्त करना है, जबकि ऑटो चालकों को इस तरह के प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ता। वाराणसी में लगभग 22,000 ऑटो चालक हैं, जिनके लिए परमिट बंद हैं, फिर भी उन्हें कहीं भी काम करने की अनुमति है। वहीं, लगभग 25,000 टोटो चालकों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। यह समस्या केवल चालकों तक सीमित नहीं है; इसमें मैकेनिक, एजेंसी कर्मचारी और उनके परिवार भी शामिल हैं, जो इस नीति से प्रभावित होंगे। यह नीति रोजगार विरोधी है, और हम इसे सफल नहीं होने देंगे।