उत्तर प्रदेश (UP News) में अवैध धर्मांतरण के पहले मामले में विशेष न्यायाधीश एनआईए, लखनऊ, विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आज 12 आरोपियों को दोषी करार दिया। इनमें से कुछ को आजीवन कारावास की सजा दी गई है जबकि चार आरोपियों को दस-दस साल की सजा सुनाई गई है। दोषियों को अर्थदंड भी लगाया गया है।
विवेचना में सामने आया कि मोहम्मद उमर गौतम ने यूपी और अन्य राज्यों में महिलाओं, बच्चों और अन्य कमजोर व्यक्तियों को सामूहिक रूप से धर्मांतरण कर मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया। जांच में शामिल 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
UP News: दोषियों को सजा की जानकारी:
– आजीवन कारावास की सजा प्राप्त करने वाले आरोपी: कौशर आलम, डॉक्टर फराज वाल्लाह शाह, प्रसाद रामेश्वर, अर्सलान मुस्तफा, उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर, इरफान शेख, सलाउद्दीन शेख, मोहम्मद कलीम सिद्दीकी, धीरज गोविंद, सरफराज अली, और अब्दुल्ला उमर।
– दस साल की सजा प्राप्त करने वाले आरोपी: मन्नू यादव उर्फ मन्नान, राहुल भोला, मोहम्मद सलीम, और कुणाल चौधरी उर्फ आतिफ।

सजा का विवरण:
– इरफान शेख: भारतीय साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर, नई दिल्ली में इंटरप्रिटर, जिन्होंने शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों तक पहुंच बनाई।
– सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख: गुजरात के व्यवसायी, जिन्होंने विभिन्न स्रोतों से धन प्राप्त किया।
– प्रसाद रामेश्वर कानवर (एडम): महाराष्ट्र में व्हाट्सएप ग्रुप ‘रिवर्ट, रिहैब और दावाह’ के एडमिन, जिन्होंने धार्मिक घृणा फैलाई।
– अर्सलान मुस्तफा: प्रसाद के सहयोगी, जो कपिंग थेरपी विशेषज्ञ थे और धार्मिक रूपांतरण के लिए धन प्रदान करते थे।
– मौलाना कलीम सिद्दीकी: सबसे बड़े धर्म परिवर्तन सिंडिकेट का संचालन करने वाले, जिन्होंने वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाया।
– धनराज गोविंद राव जगताप: गुजरात और महाराष्ट्र में मास्टरमाइंड के सहयोगी।
– सरफराज अली जाफरी: मौलाना कलीम सिद्दीकी के साथ काम करने वाले, 2016 से अवैध धर्मांतरण में शामिल।
– मुफ्ती जहांगीर आलम कासमी: दिल्ली के जामिया नगर में इस्लामिक दावाह सेंटर के अध्यक्ष।
– अब्दुल्ला उमर: मास्टरमाइंड उमर गौतम के पुत्र।
– कौशर आलम: प्रसाद के सहयोगी।
– फराज बाबुल्लाह शाह: प्रसाद के सहयोगी, जिन्होंने डॉक्यूमेंट बनवाने में मदद की।
दस साल की सजा प्राप्त करने वाले आरोपी:
– मन्नू यादव: दृष्टि और श्रवण बाधित, जिन्होंने विशेष रूप से सक्षम बच्चों को इस्लाम में शामिल होने के लिए ललचाया।
– राहुल भोला: दृष्टि और श्रवण बाधित, जिन्होंने विशेष रूप से सक्षम बच्चों को इस्लाम में शामिल होने के लिए ललचाया।
– कुणाल अशोक चौधरी (आतिफ): रूस में मेडिकल अध्ययन के दौरान इस्लाम में परिवर्तित हुए और नासिक में अवैध रूप से मेडिकल क्लीनिक चलाया।
– मोहम्मद सलीम: जमीयतुल इमाम वलीउल्लाह अल-इस्लामी मदरसे के संचालक।
अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक एमके सिंह और एटीएस के अधिवक्ता नागेन्द्र गोस्वामी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एटीएस को सूचना मिली थी कि कुछ देश विरोधी तत्व आईएसआई और विदेशी संस्थाओं के निर्देश पर और फंडिंग के आधार पर लोगों का धर्म परिवर्तन कर देश की जनसंख्या संतुलन को तेजी से बदल रहे हैं। इन गतिविधियों से सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा था। एक हजार से अधिक ऐसे केस सामने आए हैं जिनमें धर्म परिवर्तन की पुष्टि हुई है।