Surat: कीम-कोसंबा के बीच 21 सितंबर 2024 की घटना में रेलकर्मी सुभाष पोद्दार ने अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश रची थी। इस षड्यंत्र में चंदौली का शुभम जायसवाल भी आरोपी पाया गया है।
21 सितंबर को कीम नदी के पास डाउन लाइन पर 71 पैडलॉक और फिशप्लेट निकालकर रेल पटरियों से छेड़छाड़ करने का मामला उजागर हुआ। इस घटना के बाद रेलवे गैंगमैन सुभाष पोद्दार ने खुद को हीरो साबित करने की कोशिश की। उसने कीम रेलवे स्टेशन मास्टर को सूचित किया कि जब वह पटरियों की जांच करते हुए कोसंबा की ओर जा रहा था, तो उसने देखा कि फिशप्लेट निकालकर पटरियों पर रखा गया है, जिससे रेलगाड़ियों का परिचालन बेपटरी हो सकता है।
स्टेशन मास्टर ने तुरंत इस सूचना को अधिकारियों तक पहुंचाया और बड़ा हादसा होने से पहले ही ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए जीआरपी, आरपीएफ, सूरत पुलिस और एनआईए, एटीएस सहित कई एजेंसियां मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गईं।
जांच के दौरान सुभाष पोद्दार और उसके साथियों पर शक गहराता गया। मोबाइल फोन की ट्रेसिंग से पता चला कि इस षड्यंत्र को रचने वाले वही थे। तीनों ने अपने मोबाइल से वारदात से पहले के फोटो और वीडियो डिलीट कर दिए थे, लेकिन पुलिस ने उनके झूठ को बेनकाब कर दिया। पूछताछ में तीनों ने अपनी साजिश स्वीकार कर ली। उनका उद्देश्य था कि रेल दुर्घटना रोकने के एवज में प्रमोशन, इनाम और सोशल मीडिया पर चर्चा में आकर प्रसिद्धि मिलेगी।
Surat: कोर्ट ने 30 सितम्बर तक लिया था रिमांड पर
पुलिस ने तीनों को विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर 30 सितंबर तक के रिमांड पर लिया, और रिमांड समाप्त होने के बाद लाजपोर जेल, नवसारी भेज दिया। यह घटना दिखाती है कि निजी स्वार्थ में देशद्रोही गतिविधियों में लोग किस हद तक जा सकते हैं, जिसका ज्वलंत उदाहरण सुभाष पोद्दार और उसके साथी हैं।