Varanasi: भाजपा नेता के घर में घुसकर हमला करने के आरोप में कांग्रेस नेत्री के पति और उसके एक साथी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप सिंह की अदालत ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। इस मामले में सरकारी वकील मनोज कुमार गुप्ता और वादी के वकील विवेक शंकर तिवारी ने जमानत याचिका का विरोध किया।
मामले के अनुसार, 15 सितंबर को सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेत्री रोशनी जायसवाल ने अपने पति कुशल जायसवाल और 15-20 समर्थकों के साथ मिलकर भाजपा नेता राजेश सिंह के घर पर धावा बोला। इस दौरान, राजेश सिंह को घर के सामने घेरकर जमकर पीटा गया, जिससे उनके चेहरे और शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आईं। हमले के बीच, राजेश की पत्नी और बच्चों को भी चोट पहुंची, जो बीचबचाव करने आए थे। रोशनी जायसवाल ने राजेश पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए उनके घर के बाहर हंगामा भी किया।

Varanasi: लालपुर-पांडेयपुर थाने में दोनों पक्ष से दर्ज हुआ था मुकदमा
इस घटना को लेकर लालपुर-पांडेयपुर थाने में दोनों पक्षों द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने दोनों पक्षों के कुछ लोगों को हिरासत में लिया था, और भाजपा नेताओं ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए थाने का घेराव किया। भाजपा नेताओं का कहना था कि रोशनी जायसवाल प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अक्सर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करती रहती हैं। अगर राजेश सिंह ने कोई गलत टिप्पणी की थी, तो कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए थी, न कि खुद कानून अपने हाथ में लेना।
पुलिस ने आरोपी कुशल जायसवाल और उसके साथी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। घटना के बाद से ही रोशनी जायसवाल फरार हैं, और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
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