Varanasi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्रि, दशहरा और दीपावली जैसे त्योहारों के मद्देनजर अधिकारियों को 10 अक्टूबर तक गड्ढे भरने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, इस आदेश को स्थानीय प्रशासन ने अनसुना कर दिया है। काशी में आयोजित होने वाले लाटभैरव की प्रसिद्ध नक्कटैया आज आधी रात को निकलने वाली है, लेकिन लाटभैरव-सरैया मार्ग की बुरी हालत से लीला प्रेमियों में चिंता बढ़ गई है।

Varanasi: बड़े-बड़े गड्ढों की भरमार के कारण लोग हुए चिंतित
मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढों की भरमार के कारण लीला समिति (Varanasi) के सदस्यों को चिंता है कि कीचड़ से भरी ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर नक्कटैया कैसे गुजरेगी। नंगे पांव चल रहे रामलीला के नन्हें पात्र राम, लक्ष्मण और सीता को गिट्टियां चुभ रही हैं, जिससे उनकी आस्था भी प्रभावित हो रही है।
बारिश व सीवर के पानी भरने से स्थिति खराब
रामलीला समिति (Varanasi) के व्यास दयाशंकर त्रिपाठी ने बताया कि लाटभैरव पुलिया के नीचे सड़क टूटने से गड्ढे बन गए हैं, और बारिश तथा सीवर के पानी भरने से स्थिति और भी खराब हो गई है। इस हालात में रामलीला और नक्कटैया का आयोजन करना जोखिम भरा साबित हो सकता है।

लाटभैरव रामलीला के प्रधानमंत्री वरिष्ठ अधिवक्ता कन्हैयालाल यादव ने कहा कि नक्कटैया में 80 से अधिक लोग, विमान और झांकियां शामिल होती हैं, जो ट्रैक्टर-ट्रॉली और रिक्शों पर निकलती हैं। ऐसे में, पानी से भरे गड्ढों से गुजरते समय किसी बड़े हादसे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। समिति के पदाधिकारियों ने नगर निगम और जलकल के अधिकारियों से कई बार शिकायत की है, लेकिन अब तक समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है।