Varanasi: आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन वाराणसी में डूबते हुए सूर्य को श्रद्धालुओं ने अर्घ्य अर्पित किया। गंगा के घाटों, वरुणा नदी के तट और अन्य छठ घाटों पर व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ी। कई श्रद्धालुओं ने अपने घरों की छतों और आंगन में तालाब बनाकर भी छठ पूजा की। इस वर्ष छठ पूजा में खास बात यह रही कि किन्नर समुदाय के लोगों ने भी व्रत रखकर पूजा में भाग लिया।
छठ पूजा के आयोजक सुशील कुमार ने बताया कि दीपावली के तुरंत बाद से ही छठ की तैयारियां शुरू हो जाती हैं, और इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। किन्नर समुदाय की सलमा किन्नर ने बताया कि यह उनका पहला छठ व्रत है और उन्होंने पूरी श्रद्धा से छठ मैया से प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि यह पूजा अपने परिवार और समाज की खुशहाली के साथ-साथ देश की शांति और जवानों की सुरक्षा के लिए है।

सलमा ने बताया कि उन्होंने और उनके समुदाय ने देश की सीमाओं पर डटे वीर जवानों की लंबी उम्र और सुरक्षित जीवन के लिए विशेष प्रार्थना की। उनका कहना था कि जो जवान दिन-रात हमारी रक्षा करते हैं, छठ मैया उन्हें सलामत रखें और उन्हें हर संकट से बचाएं।
Varanasi: फूलवरिया में किन्नरों के साथ आम जनता ने भी मनाया छठ
काशी के फुलवरिया क्षेत्र में सभी समुदाय के लोगों ने एक साथ मिलकर छठ पूजा मनाई, और इस बार किन्नर समुदाय का शामिल होना, इस त्योहार को और भी खास बना गया। श्रद्धालुओं का मानना है कि छठ मैया के आशीर्वाद से सभी की मनोकामनाएं पूरी होंगी, और देश में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।