Varanasi: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बंटोगे तो कटोगे” नारे का समर्थन करते हुए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन की जिम्मेदारी कांग्रेस की नीतियों पर थी, और आज समाजवादी पार्टी अपने मूल सिद्धांतों को छोड़कर कांग्रेस का समर्थन कर रही है।
शाही ने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने जातिवाद तोड़कर समाज को जोड़ने का संदेश दिया था, लेकिन सपा और कांग्रेस आज उसी के उलट देश को फिर से विभाजित करने की साजिश कर रहे हैं। कृषि मंत्री ने यह टिप्पणी सोमवार को वाराणसी में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान की।
Varanasi: “वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया” पर सपा को घेरा
योगी सरकार की “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” योजना की प्रशंसा करते हुए शाही ने सपा सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया’ का मॉडल लागू किया था, जिससे प्रदेश में माफियाओं का आतंक छाया हुआ था।”
उन्होंने कहा कि योगी सरकार के कार्यकाल में माफिया या तो जेल में हैं या आपराधिक गतिविधियों से तौबा कर शांति से जी रहे हैं। “पिता-पुत्र ने प्रदेश को बर्बाद कर दिया था, लेकिन अब राज्य विकास के मार्ग पर अग्रसर है,” उन्होंने कहा।
“सपा की साइकिल का समय खत्म”
उपचुनावों के मद्देनजर, कृषि मंत्री ने सपा और पीडीए गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जनता अब सपा की साइकिल को कबाड़खाने भेजने को तैयार है। यह गठबंधन धोखा और फरेब पर आधारित है।”
उन्होंने कांग्रेस-सपा गठबंधन को निशाने पर लेते हुए कहा, “कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को सपा ने केवल तीन सीटों पर सीमित कर दिया है। यह गठबंधन ‘बांटो और राज करो’ की पुरानी नीति पर चल रहा है, लेकिन जनता इनकी चालों को समझ चुकी है।”
“धोखा सपा की फितरत बन चुकी है”
शाही ने कहा कि विधानसभा चुनावों में भी सपा ने कांग्रेस के साथ विश्वासघात किया था। उन्होंने कहा, “धोखा देना सपा की आदत बन गई है। यूपीए के नेतृत्व वाले गठबंधन की चालाकियां जनता के सामने बेनकाब हो चुकी हैं, और अब इनके झांसे में कोई नहीं आएगा।”
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विकास और कानून-व्यवस्था पर जोर
कृषि मंत्री ने योगी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रदेश में विकास, माफिया नियंत्रण और कानून-व्यवस्था को लेकर ठोस कदम उठाए गए हैं। उनके बयान से यह स्पष्ट है कि सरकार उपचुनावों में विपक्ष को घेरने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रही है।