भाजपा के पूर्व विधायक और प्रभावशाली नेता सुनील बालकृष्ण ओझा (Sunil Ojha) के निधन के एक साल बाद उनके ट्रस्ट की संपत्तियों को लेकर विवाद बढ़ गया है। उनके बेटे विरल ओझा ने वाराणसी के कैंट थाने में सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य आरोपों में मामला दर्ज कराया है।
Sunil Ojha: ट्रस्ट और संपत्तियों का विवाद
विरल ओझा ने शिकायत में कहा कि उनके पिता के नेतृत्व में चलने वाला “ओएस बाल कुंदन फाउंडेशन” का कार्यालय महमूरगंज स्थित विराट विला में है। उनके पिता (Sunil Ojha) इस ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी थे। विरल और उनके भाई रित्विक, ट्रस्ट के सह-ट्रस्टी के रूप में नामित हैं। उनके मुताबिक, पिता के निधन के बाद ट्रस्ट के अन्य सदस्य, संध्या दूबे और अन्य, संपत्तियों को हड़पने की साजिश रच रहे हैं।
संध्या दूबे और अन्य पर गंभीर आरोप
विरल ने आरोप लगाया कि संध्या दूबे ने अन्य छह लोगों—हरिशंकर दूबे, अमित कुमार मिश्र, विनोद कुमार पांडेय, प्रेमराज खमिजा, संजय तिवारी और जयप्रकाश तिवारी—के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए हैं। इन लोगों ने ट्रस्ट की संपत्तियों पर कब्जा जमाने की कोशिश की और धमकियां भी दीं।
विरल ने यह भी आरोप लगाया कि संध्या दूबे और उनके साथियों ने न केवल संपत्तियों (Sunil Ojha) को हड़पने की साजिश रची, बल्कि उनके पिता की मृत्यु के पीछे भी इनका हाथ हो सकता है। विरल के अनुसार, संध्या और उनके सहयोगियों ने कहा कि उन्होंने उनके पिता को मरवा दिया और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। इस गंभीर मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विरल और उनके परिवार ने अपनी सुरक्षा की मांग भी की है।
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