Wine Case: दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शराब नीति मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति प्रदान कर दी। ED ने 5 दिसंबर को उपराज्यपाल से इस मामले में ट्रायल शुरू करने की अनुमति मांगी थी।
इससे पहले मार्च 2023 में ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केजरीवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 21 मार्च को 4 घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन आवश्यक मंजूरी के अभाव में ट्रायल शुरू नहीं हो सका था।
Wine Case: AAP की प्रतिक्रिया
इस मंजूरी पर आप के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सवाल उठाते हुए कहा कि ED मंजूरी की कॉपी सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने इसे बाबा साहेब के अपमान जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास बताया। इसी दिन केजरीवाल ने अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना शुरू की थी, जिसे पार्टी ने महत्वपूर्ण कदम बताया है।
मामले का घटनाक्रम
- चार्जशीट दाखिल: जुलाई में ED ने केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में सातवीं चार्जशीट दाखिल की। 9 जुलाई को कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत बताए।
- कोर्ट में चुनौती: केजरीवाल ने नवंबर में दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई।
- सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप: हाईकोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां कोर्ट ने फैसला दिया कि पब्लिक सर्वेंट पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की अनुमति आवश्यक है।
- एलजी से मंजूरी: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ED ने उपराज्यपाल से अनुमति मांगी, जो अब दी जा चुकी है।
आगे की प्रक्रिया
एलजी से अनुमति मिलने के बाद ED ट्रायल प्रक्रिया शुरू कर सकती है। अदालत में अब यह देखना होगा कि मामले की सुनवाई किस दिशा में आगे बढ़ती है।
Highlights
राजनीतिक तनाव
इस मामले ने दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। जहां आम आदमी पार्टी इसे राजनीतिक साजिश बता रही है, वहीं विपक्ष इस मुद्दे पर हमलावर है। ED की जांच और अदालत की प्रक्रिया से मामले का अगला कदम तय होगा।
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