पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का गुरुवार रात 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। देश से बहार रहने वाली बेटियों के आने के इंतज़ार के बाद शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव देह शनिवार की सुबह 9:30 बजे उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया। अंतिम यात्रा शुरू होने से पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पहनाई गई।
इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू हुई। उनके पार्थिव शरीर को सेना की तोपगाड़ी पर दिल्ली के निगमबोध घाट लाया गया। राहुल गांधी पार्थिव देह के साथ गाड़ी में बैठे रहें। स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह की बड़ी बेटी उपिंदर सिंह ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।



राजकीय सम्मान के साथ Manmohan Singh का अंतिम संस्कार
दिल्ली के निगम बोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। राजकीय सम्मान के साथ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार हुआ। निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह को गार्ड ऑफ़ ऑनर की सलामी दी गयी। इस दौरान उनके परिवार के सदस्यों के साथ साथ सभी राजनितिक दलों के नेतागण शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी पत्नी संग बड़ी बेटी उपिंदर सिंह (65), दूसरी बेटी दमन सिंह (61) और तीसरी बेटी अमृत सिंह (58) निगम घाट पर मौजूद हैं।




राजनितिक दलों के नेताओं का जमावड़ा
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मुर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसनायके, उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गाँधी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी संग कई दिग्गज नेता मौजूद रहे।


अंतिम अरदास के साथ दी गयी अंतिम विदाई
सत्ता पक्ष के नेतागण, विपक्षी दलों के सभी नेताओं, परिवार के सदस्यों के साथ-साथ जल, थल और वायु सेना के जवानों ने एक-एक करके उनके पार्थिव शरीर को रीथ पहनाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी। ग्रुरुग्रंथ के अंतगर्त आने वाले जगजीत साहब के पाठ के साथ प्रार्थना करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के पार्थिव शरीर को चिता पर रखा गया। डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के चिता को मुखग्नी देने से पूर्व अंतिम अरदास भी की गयी।
बता दें कि सिक्ख धर्म में अरदास का बहुत महत्त्व होता है और इसीलिए डॉ. मनमोहन सिंह के आत्मा के शांति के लिए मुखाग्नि से पूर्व अंतिम अरदास की गयी। फिर इसके बाद तोपों की सलामी देते हुए उन्हें एक बार पुनः अंतिम विदाई देकर उनका अंत्येष्टि किया गया। इस दौरान निगम बोध घाट पर ‘मनमोहन सिंह अमर रहे’ के नारे लगाये गये।



बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का गुरुवार रात निधन हो गया था। वे 92 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें गुरूवार की रात बजे दिल्ली AIIMS हॉस्पिटल में लाया गया था। जहाँ इलाज के दौरान रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।