वाराणसी। ज्ञानवापी (Gyanvapi) के अतिप्राचीन स्वयंभू लॉर्ड आदिविश्वेश्वर के मामले में 33 साल से चल रही सुनवाई के बाद, दिवंगत सोमनाथ व्यास के भतीजे योगेंद्र नाथ व्यास द्वारा दायर याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस याचिका में योगेंद्र नाथ व्यास ने खुद को केस का पक्षकार बनाने की अपील की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार नहीं किया।
सीनियर सिविल जज युगल शंभु की अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान योगेंद्र नाथ व्यास के पक्षकार बनने की अर्जी पर बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने आज आदेश दिया कि उनका दावा खारिज किया जाता है। वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने योगेंद्रनाथ व्यास को पक्षकार बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि व्यास गद्दी के व्यक्तिगत अधिकार को लेकर दावा करने वालों का मुकदमा व्यास गद्दी का नहीं है, और इस वजह से योगेंद्र नाथ व्यास को पक्षकार बनाने का अधिकार नहीं है।
Gyanvapi: पहले भी ख़ारिज हो चुका है मामला
इससे पहले, हरिहर पांडे के परिवार ने भी वादी बनने की कोशिश की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब सोमनाथ व्यास के निधन के 24 साल बाद उनके भतीजे ने पक्षकार बनने का प्रयास किया था।
कुल मिलाकर, ज्ञानवापी केस में अब तक की सुनवाई के दौरान, कई याचिकाओं को खारिज किया जा चुका है, और यह मामला 33 साल से लंबित है।