Varanasi: प्रयागराज महाकुंभ से लौटते श्रद्धालुओं के काशी पहुंचने से शहर में जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी है। शनिवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु वाराणसी पहुंचे, जिससे गंगा घाट, काशी विश्वनाथ धाम और आसपास के करीब 5 किलोमीटर का क्षेत्र भीषण जाम की चपेट में आ गया।
मैदागिन, बुलानाला चौक, बांसफाटक, गोदौलिया, नई सड़क और गिरजाघर जैसे क्षेत्रों में भारी भीड़ और जाम ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। घंटों तक फंसे लोगों में स्कूल बसें, एंबुलेंस और अन्य वाहन शामिल रहे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4 के पास फंसे वाहनों और भीड़ का मंजर साफ दिखाई दे रहा है।
लोगों का कहना है कि जब साइकिल तक चलने की जगह नहीं है, तो बड़ी गाड़ियों को शहर में प्रवेश करने की अनुमति कैसे दी जा रही है। कई श्रद्धालु प्रशासनिक तैयारियों को कोसते नजर आए। उनका कहना था कि अगर इस भीड़ में कोई दुर्घटना हो जाए, तो जिम्मेदारी किसकी होगी?
Varanasi: बनारस पहुंचे 10 लाख श्रद्धालु
करीब 10 लाख श्रद्धालु काशी पहुंचे हैं, जिससे बाबा विश्वनाथ धाम और उसकी गलियां पूरी तरह भर गई हैं। मंदिर के गेटों पर करीब 3 किलोमीटर लंबी कतारें देखी गईं। गोदौलिया और चौक जैसे मुख्य चौराहों पर पैर रखने तक की जगह नहीं रही। इस भीड़ को देखते हुए वाराणसी पुलिस कमिश्नेरेट की पूरी टीम सड़क पर उतर गयी है. पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से लेकर अपर पुलिस आयुक्त लॉ एंड आर्डर एस. चिनप्पा लगातार सडकों पर भ्रमण करते हुए नजर आ रहे हिं. चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही है.
गौरतलब है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने 8 आईपीएस और 14 पीपीएस अधिकारियों को भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा, यातायात सुचारू रखने के लिए रूट डायवर्जन और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक जैसे कदम उठाए गए हैं।
हालांकि भीड़ इतनी ज्यादा है कि प्रशासन के तमाम दावों और प्रयासों के बावजूद व्यवस्थाएं नाकाफी साबित होती नजर आ रही है। हालत ये हो गये है कि बाहर से आने वाले यात्रियों को तो जाम और भीड़ में दिक्कते हो ही रही है लेकिन बनारस की लोकल पब्लिक का तो अपने घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में श्रद्धालु और स्थानीय लोग इन तैयारियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।