Varanasi: वाराणसी में संत शिरोमणि रविदास की जयंती धूमधाम से मनाई गई। उनका जन्मस्थान बेगमपुरा इस समय मिनी पंजाब में तब्दील हो गया है, जहां करीब 5 लाख श्रद्धालु ठहरे हुए हैं।
Varanasi: संत रविदास की प्रतिमा पर कनाडाई नोटों की माला
बुधवार को श्रद्धालुओं ने संत रविदास की प्रतिमा पर कनाडाई डॉलर से बनी माला अर्पित की। इस भव्य आयोजन में 150 फीट की पताका और सोने का हरि चिह्न भी लगाया गया। अनुमान है कि शाम तक 25 लाख से अधिक भक्त दर्शन के लिए पहुंचेंगे।

राजनीतिक नेताओं की मौजूदगी
इस भव्य आयोजन में कई प्रमुख नेता पहुंचे:
- नगीना सांसद चंद्रशेखर
- पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी
- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय
चंद्रशेखर का बयान: “मेरे विरोध के बाद मिली छुट्टी”
आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर ने दावा किया कि उनके विरोध के बाद सरकार ने संत रविदास जयंती पर छुट्टी घोषित की। उन्होंने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था कि रविदास जयंती पर अवकाश होना चाहिए। योगी सरकार जानबूझकर संत रविदास के अनुयायियों का अपमान कर रही है, जिसे हम कभी नहीं भूलेंगे।”

अजय राय का बयान: “हम हर साल संत रविदास के दरबार में आते हैं”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “हम हर साल संत रविदास जी की जयंती पर आते हैं, उनका आशीर्वाद लेते हैं और उनके दिखाए रास्ते पर चलने का प्रयास करते हैं।”
AAP की हार पर अजय राय का कटाक्ष
आम आदमी पार्टी की चुनावी हार पर अजय राय ने कहा, “उनका घमंड हो गया था, और घमंड करने वाले की हार निश्चित होती है। अरविंद केजरीवाल बीजेपी की बी टीम हैं, जिन्हें ए टीम ने हरा दिया।”

श्रद्धालुओं की अपार भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था
वाराणसी में संत रविदास जयंती पर उमड़ी भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं। आयोजन स्थल पर नगर कीर्तन और शोभायात्रा निकाली जा रही है।

रविदास जयंती का महत्व
संत रविदास ने जातिवाद, भेदभाव और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनका संदेश सामाजिक समरसता और समानता पर आधारित है, जिसे मानने वाले हर साल उनकी जयंती पर वाराणसी में इकट्ठा होते हैं।