वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर छात्रों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए प्रशासन पर धांधली का आरोप लगाया। नाराज छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया, जिससे कोई भी अंदर प्रवेश नहीं कर सका। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी और अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की।
छात्रों का कहना है कि पीएचडी प्रवेश के लिए हुए इंटरव्यू में अनियमितताएं की गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सबाल्टर्न स्टडीज विषय के इंटरव्यू में एलाइड विषयों के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी गई, जबकि विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता। छात्रों ने इस प्रक्रिया को नियमों के खिलाफ बताते हुए धरना जारी रखने की चेतावनी दी है।
छात्रों के विरोध को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन प्रदर्शनकारी छात्रों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगे। प्रदर्शन स्थल पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम भी मौजूद रही, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा, इंटेलिजेंस टीम भी मौके पर तैनात रही।
BHU: छात्रों ने लगाया अनदेखी का आरोप
धरने पर बैठे छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय में बाहरी समझा जाता है और यदि वे किसी अधिकारी से मिलने जाते हैं, तो उन्हें सुरक्षा बलों के जरिए रोक दिया जाता है।
छात्र पल्लव ने कहा कि विश्वविद्यालय को शोध को बढ़ावा देना चाहिए, लेकिन गलत तरीके से प्रवेश प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रवेश प्रक्रिया को कानूनी नियमों का पालन किए बिना संचालित किया गया है। छात्रों का कहना है कि मास्टर डिग्री को हमेशा प्राथमिकता दी जानी चाहिए और पीएचडी में उसी विषय के उम्मीदवारों को वरीयता मिलनी चाहिए, लेकिन वर्तमान प्रक्रिया में ऐसा नहीं किया गया।
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