Varanasi: वाराणसी की पावन धरती पर अक्षय तृतीया के पवित्र अवसर पर इस बार एक ऐतिहासिक और सामाजिक समरसता से भरा आयोजन होने जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की गरिमामयी मौजूदगी में बुधवार को 125 बेटियों का सामूहिक विवाह संपन्न कराया जाएगा। यह आयोजन न केवल पारंपरिक संस्कारों का उदाहरण बनेगा, बल्कि इसमें सामाजिक एकता और जातीय सीमाओं को तोड़ने का अनूठा संदेश भी छिपा होगा।
संकुलधारा पोखरे पर आयोजित इस भव्य कन्यादान महोत्सव की सबसे खास बात यह है कि इसमें पहली बार अंतरजातीय विवाहों को सामाजिक मंच पर संपन्न कराया जाएगा। इस अवसर पर सभी जातियों और समुदायों के युवक एक साथ बारात लेकर निकलेंगे—घोड़ी, बग्घी और रथ पर सवार होकर, ढोल-नगाड़े, आतिशबाजी और पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ यह बारात द्वारकाधीश मंदिर पहुंचेगी।

कार्यक्रम आयोजक और संघ के क्षेत्र कार्यवाह वीरेंद्र जायसवाल ने बताया कि बारात का आगाज बुधवार शाम चार बजे संकुलधारा पोखरे से होगा। बारात में विविध वर्गों के लोग शामिल होंगे, और विवाह वेदियों पर ब्राह्मणों के साथ-साथ अन्य जातियों के पुजारी भी वैदिक मंत्रों के साथ विवाह संपन्न कराएंगे। यह आयोजन एक प्रकार से सामाजिक विभेद को मिटाने और एक भारत की अवधारणा को जमीन पर साकार करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
Varanasi: कन्याओं का पांव पखारेंगे मोहन भागवत
विशेष बात यह भी है कि विवाह की वेदियों पर स्वयं सरसंघचालक मोहन भागवत भी उपस्थित रहेंगे और कन्याओं के पांव पखारकर उनके प्रति सम्मान प्रकट करेंगे। वे अन्य गणमान्यजनों के साथ कन्यादान की पूरी परंपरा निभाएंगे, ठीक वैसे ही जैसे एक पिता अपनी बेटी का कन्यादान करता है। समाज के विविध वर्गों के लोगों को यह अवसर दिया गया है कि वे कन्याओं के चरण धोकर उनका स्वागत करें और विवाह की प्रत्येक रस्म में सहभागी बनें।

इस आयोजन की महत्ता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद की गई है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने सोमवार को आयोजन स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों संग सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। उन्होंने वहां तैनात पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
आयोजन स्थल पर सभी बारातियों और आगंतुकों के लिए रामानंद विद्यालय परिसर में सामूहिक भोजन की व्यवस्था की गई है, जहां सभी जातियों और वर्गों के लोग एक साथ भोजन करेंगे। यह पहल सामाजिक समरसता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
कार्यक्रम के अंत में सरसंघचालक मोहन भागवत समारोह को संबोधित भी करेंगे, जिसमें वे इस अनूठे विवाह आयोजन की सामाजिक भावना, राष्ट्रीय एकता और समरसता पर अपने विचार साझा करेंगे।