Varanasi: नगर निगम वाराणसी में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने अचानक सारनाथ जोन कार्यालय का निरीक्षण किया। इस औचक निरीक्षण के दौरान उन्हें कार्यालय की कार्यप्रणाली में कई गंभीर खामियां मिलीं, जिस पर उन्होंने तत्काल सख्त कदम उठाए। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर न सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा गया, बल्कि वेतन पर भी रोक लगा दी गई।
जिम्मेदार अफसर भी कार्रवाई की जद में
निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त (varanasi) को सबसे बड़ी निराशा जोनल अधिकारी अनुपम त्रिपाठी और कर अधीक्षक विनय सागर के रवैये से हुई। दोनों के कार्यों की समीक्षा के बाद यह पाया गया कि वे अपने पर्यवेक्षणीय दायित्वों का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। नतीजतन, उनके वेतन को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्यों न उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

अनुपस्थित कर्मचारी भी नहीं बख्शे गए
कार्यालय के जन्म-मृत्यु अनुभाग में तैनात लिपिक संदीप सिंह और जमादार विनोद कुमार निरीक्षण के समय गैरहाजिर पाए गए। आयुक्त ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की। दोनों पर “प्रतिस्पर्धी प्रविष्टि” की गई है, जिसका असर उनके सेवा रिकॉर्ड पर पड़ेगा। साथ ही, इनका वेतन भी अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है।
दस्तावेज़ों की सुरक्षा को लेकर उठी चिंता
निरीक्षण (varanasi) के दौरान यह भी सामने आया कि कार्यालय में पुराने दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से रखने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। इस पर पटल सहायक ने रिकॉर्ड रूम के निर्माण का प्रस्ताव भेजने की बात कही। नगर आयुक्त ने इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को शीघ्र आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
कार्य संस्कृति सुधारने का प्रयास
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा (varanasi) ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त लहजे में निर्देश देते हुए कहा, “कार्यालय की कार्यशैली में अनुशासन और पारदर्शिता अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि आगे भी ऐसी स्थिति पाई गई, तो जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
नगर आयुक्त की इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत मिला है कि अब नगर निगम में जवाबदेही और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इस कदम को नगर निगम की कार्यशैली में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक प्रयास माना जा रहा है।