वाराणसी पुलिस (Varanasi) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात पशु तस्कर रियाज उर्फ बिल्ला को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। शहर के फुलवरिया क्षेत्र में हुई इस मुठभेड़ में रियाज पुलिस की जवाबी फायरिंग में घायल हो गया। पुलिस ने उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।
जानकारी के मुताबिक, वाराणसी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि लंबे समय से फरार चल रहा रियाज फुलवरिया इलाके में एक बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान पर छिपा हुआ है। जैसे ही पुलिस टीम (Varanasi) ने घेराबंदी की, रियाज ने बचने के लिए तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिससे उसे दाहिनी टांग में गोली लग गई।
9 जुलाई को चकमा देकर भागा था
बिल्ला 9 जुलाई को पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। बाबतपुर क्षेत्र में वाहन चेकिंग के दौरान एक पिकअप वैन से 9 गोवंश बरामद हुए थे। उस समय गाड़ी वही चला रहा था, लेकिन मौके से फरार हो गया। इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी।
पकड़े गए रियाज ने पूछताछ में बताया कि वह बिहार के भभुआ निवासी गोविंद सिंह के लिए काम करता है, जो फर्जी जानकारी देकर विभिन्न राज्यों से वाहन किराए पर लेता और उन्हें पशु तस्करी में इस्तेमाल करता है। रियाज खुद जौनपुर जिले के बरसठी थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव का निवासी है और पिछले कई वर्षों से इस अवैध कारोबार में सक्रिय है।
रियाज के खिलाफ जौनपुर, मिर्जापुर और वाराणसी (Varanasi) में पशु तस्करी, दहेज उत्पीड़न और एनडीपीएस एक्ट समेत कुल पांच गंभीर मामले दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक वह लगातार ठिकाना बदलते हुए तस्करी की गतिविधियों को अंजाम देता था।
Varanasi: कई नाम पुलिस के रडार पर
रियाज ने पूछताछ में अपने साथियों के नाम भी उजागर किए हैं। उसने बताया कि असलम (निवासी- साधू कुटिया, मिर्जामुराद), लालू यादव (कुसमुरा), धर्मेंद्र यादव (खरावन) और अरुण कुमार पटेल (भरतपुर) उसके साथ गो-तस्करी के इस गिरोह में सक्रिय हैं। पुलिस अब इन सभी की तलाश में दबिश दे रही है।
वाराणसी पुलिस ने इस ऑपरेशन को पशु तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता माना है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा। गिरोह के नेटवर्क को तोड़ने के लिए बिहार और अन्य जिलों में भी समन्वय स्थापित कर कार्रवाई की जा रही है।