Varanasi: दालमंडी में बुलडोजर चलने की तारीख मुकर्रर हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दालमंडी की फाइल देखने के बाद चौड़ीकरण अभियान पर अफसरों से बातचीत की। सीएम ने साफ कह दिया, बरसात के बाद दालमंडी की मुख्य सड़क को चौड़ा किया जाए। सीएम ने कहा कि सड़क मार्ग में अगर कोई धर्मस्थल आता है तो उसे दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए। मतलब साफ है, आने वाले दिनों में ना सिर्फ दालमंडी की सड़क 17.5 मीटर चौड़ी होगी, बल्कि कुछ प्रमुख मस्जिदों पर भी बुलडोजर चलेगा।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो दिवसीय पूर्वांचल दौरे के तहत गुरुवार को वाराणसी (Varanasi) में अधिकारियों संग समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने दालमंडी सड़क चौड़ीकरण परियोजना को लेकर अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट देखी और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बरसात खत्म होते ही इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का काम युद्धस्तर पर शुरू किया जाए।
Varanasi: धर्मस्थलों का होगा स्थानांतरण
बैठक में पीडब्ल्यूडी और नगर निगम (Varanasi) के अधिकारियों ने बताया कि दालमंडी क्षेत्र में सर्वे का काम पूरा हो चुका है, लेकिन बरसात के कारण फिलहाल निर्माण कार्य रोका गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान यदि कोई धर्मस्थल प्रभावित होता है तो स्थानीय लोगों से संवाद कर उसके लिए वैकल्पिक स्थान विधि-विधान से चिह्नित किया जाए और पुनः स्थापना सुनिश्चित की जाए।
इस परियोजना की कुल लागत 220.59 करोड़ रुपये है। दालमंडी (Varanasi) में प्रस्तावित सड़क की लंबाई 650 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर निर्धारित की गई है। सड़क के दोनों ओर नालियों के लिए डक्ट बनाए जाएंगे और स्थान-स्थान पर सूचनात्मक बोर्ड भी लगाए जाएंगे, जिससे यातायात व्यवस्था और नागरिक सुविधाएं बेहतर हो सकें।
दालमंडी चौड़ीकरण परियोजना को वाराणसी (Varanasi) के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार प्रयासों में अहम माना जा रहा है। यहां के घने बाजारों और तंग गलियों में वर्षों से यातायात जाम की समस्या बनी हुई है। चौड़ीकरण के बाद न केवल सुगम आवागमन संभव होगा, बल्कि आसपास के व्यापारिक और धार्मिक गतिविधियों को भी नया आयाम मिलेगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद यह साफ हो गया है कि बरसात के बाद दालमंडी क्षेत्र में बुलडोजर चलने शुरू हो जाएंगे और सड़क निर्माण की दिशा में ठोस कार्यवाही शुरू होगी। प्रशासन के लिए अब अगली चुनौती होगी – धर्मस्थलों का शांतिपूर्ण और व्यवस्थित स्थानांतरण, जिसे लेकर सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ कदम उठाने की बात कह रही है।