Varanasi: सावन के महीने में एक ओर जहाँ बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी शिवभक्ति में सराबोर नजर आ रही है, तो वहीं दूसरी ओर गंगा का लगातार बढ़ता जलस्तर लोगों की सांसें थामे हुए है। बीते दिनों में थोड़ी राहत देने के बाद अब गंगा फिर से उफान पर हैं। बात अगर केंद्रीय जल आयोग के शुक्रवार की शाम 4 बजे की रिपोर्ट की करें तो गंगा 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं और जलस्तर 69.54 मीटर तक पहुंच चुका है—जो कि वाराणसी में तय चेतावनी बिंदु (70.262 मीटर) से सिर्फ 1 मीटर नीचे है।

Varanasi: सभी 84 घाट हुए जलमग्न
इस रफ्तार से पानी बढ़ा तो कुछ ही घंटों में गंगा चेतावनी बिंदु को पार कर जाएंगी। इस समय दशाश्वमेध घाट पर स्थित जल पुलिस चौकी तक पानी पहुंच चुका है। काशी (Varanasi) के सभी 84 घाट जलमग्न हो चुके हैं, जिनमें नमो घाट से लेकर रविदास घाट तक के सभी सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं।

गुरुवार को एक समय ऐसा लगा कि गंगा अब शांत हो गई हैं। जलस्तर पहले स्थिर हुआ, फिर घटने भी लगा। आधे सेंटीमीटर प्रतिघंटा से घटते-घटते यह रफ्तार दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच गई थी। इससे घाटों के किनारे बसे लोगों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन शुक्रवार की सुबह गंगा ने फिर करवट ली और जलस्तर (Varanasi) में तेजी से बढ़ोतरी शुरू हो गई। और अब गंगा का जलस्तर 4 सेंटीमीटर की रफ़्तार से बढ़ने लगा जो लोगों के लिए एक चिंताजनक विषय बन गया है।

गंगा के बढ़ते जलस्तर से वरुण में भी उफान
गंगा की धारा की यह चपलता वरुणा नदी पर भी असर डाल रही है। गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा नदी भी उफान पर है, जिससे उसके किनारे बसे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। कई घरों में पानी घुस चुका है और लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ रहा है। कई परिवारों (Varanasi) ने बाढ़ राहत शिविरों में शरण ली है। नाविकों की रोजी-रोटी भी इस बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। घाटों पर नावों का संचालन पूरी तरह बंद हो चुका है, जिससे सैकड़ों परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

NDRF, जल पुलिस और जल आयोग कर रहा निगरानी
हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है और राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है। प्रभावित इलाकों (Varanasi) में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। जल पुलिस, एनडीआरएफ और केंद्रीय जल आयोग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।

प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे जलस्तर को लेकर अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। घाटों की ओर जाने से परहेज करें और अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।