प्रयागराज। प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder) में शामिल शूटर विजय उर्फ़ उस्मान चौधरी का पुलिस ने सोमवार तड़के सुबह एनकाउंटर कर दिया। उमेश हत्याकांड की CCTV फूटेज से स्पष्ट हुआ था कि उस्मान ने ही सबसे पहले उमेश पर गोली चलाई थी।
प्रयागराज पुलिस के ओर से हुए इस एनकाउंटर पर उस्मान की पत्नी सुहानी ने सवाल उठाए हैं। सुहानी ने कहा कि पुलिस ने फर्जी कहानी रचकर मेरे पति को मारा है। हमलोगों ने उनके मुंह से कभी अतीक का नाम भी नहीं सुना।
सुहानी ने दावा किया है कि उनका अतीक से कोई कनेक्शन नहीं था। उन्होंने कभी अतीक को देखा नहीं था। यदि पुलिस के पास इसका कोई सबूत है, तो हमें दिखाए।

हिन्दू कभी मुस्लिम नहीं बन सकता
विजय चौधरी उर्फ़ उस्मान हिंदू था या मुसलमान? उसके एनकाउंटर के बाद यह सवाल बार-बार उठ रहे थे। सुहानी ने कहा कि एक हिंदू कभी मुस्लिम नहीं बन सकता। इस एनकाउंटर के बाद हमें पता चला कि उनका नाम उस्मान भी है। उनके पास इस नाम की कोई आईडी नहीं है। पुलिस के पास है, तो हमें भी दिखा दे।
इस मामले में एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि विजय चौधरी ने धर्म परिवर्तन कराया या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। वहीँ, इस मामले में पुलिस ने कहा कि विजय चौधरी को उस्मान नाम अतीक गैंग ने दिया था। हालांकि इस बारे में उसने अपने गांव और घर में किसी से कुछ नहीं बताया था।
घर से 5 किमी दूरी पर हुआ एनकाउंटर
उस्मान प्रयागराज के कौन्धियारा के बमौखर गांव का रहने वाला है। उसका गांव एनकाउंटर स्थल से 5 किमी की दूरी पर है। हत्याकांड के बाद से वह गांव में ही छिपकर रहता था। गांव में उसका पक्का घर बना हुआ है। यहाँ उसकी पत्नी, मान भाई और पिता रहते हैं। विजय की गाँव के ही एक लड़की से 2020 में शादी हुई थी। एनकाउंटर की खबर मिलने के बाद से ही उस्मान के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मां रोते-रोते बेहोश हो जा रही है। पत्नी सुहानी का कहना है कि अब उसकी ज़िन्दगी कैसे पार होगी?
विजय उर्फ़ उस्मान के परिवार का कहना है कि पूरा गांव विजय को एक ही नाम से जानता है। ये नया नाम पुलिस कहाँ से लेकर आई? हमें ये पता नहीं है। ये एनकाउंटर फर्जी है। पुलिस उमेश पाल हत्याकांड के बाद से लगातार हमें टारगेट कर रही थी। रोज पुलिस की टीम घर आकर छापेमारी कर रही थी। विजय के बारे में पूछताछ करती थी। वो विजय की पहचान से जुड़े कुछ कागज भी साथ ले गई थी।”
मुस्लिम बनने की कोई जानकारी नहीं
गांव के लोगों इस मामले में ज्यादा बोलने को तैयार नहीं है। खासकर अपना नाम बिल्कुल नहीं बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। सोमवार सुबह किसी उस्मान के एनकाउंटर की बात हमें पता चली थी। लेकिन वो विजय है, इसका अंदाजा नहीं था। यहां गांव में तो हम उसको विजय के नाम से ही जानते थे। बाकी वो मुस्लिम कब बना ये हमें नहीं पता है? वो गांव में आता जाता रहता था। रहता कहीं और था। उसकी कमाई कहां से होती थी, ये भी हमें नहीं पता।
एक भाई पहले से जेल में बंद
कौंधियारा थाने के बमौखर गांव निवासी वीरेंद्र चौधरी के चार बेटे थे। बड़ा बेटा अजय चौधरी और सबसे छोटा बेटा विपिन चौधरी शादियों में डीजे लगाने का काम करते हैं। दूसरे नंबर का राकेश चौधरी वाहन चोर हैं। वो अभी जेल में बंद है। तीसरे नंबर का बेटा विजय चौधरी यानी उस्मान भी ऑटो लिफ्टर था। कुछ लोग उसको पिंटू के नाम से भी जानते थे।
गांव की लड़की भगाकर की थी शादी
गांव की रहने वाली सुहानी से उसका अफेयर चल रहा था। साल 2019 में वो सुहानी को लेकर भाग गया था। जिसमें लड़की के भाई ने विजय के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। पुलिस ने उसको गिरफ्तार करके जेल भेजा था। जमानत पर छूटने के बाद साल 2020 में उसने सुहानी से भाग कर शादी की थी।