Varanasi: शहर में इस वक़्त एक ही मामला है, जिसकी चर्चा चारों-ओर हो रही है, वो है दालमंडी का चौड़ीकरण। दालमंडी क्षेत्र में चल रहे ध्वस्तीकरण को लेकर जहाँ एक ओर प्रशासन की कार्रवाई शुरू हो चुकी है, तो वहीं दूसरी ओर व्यापारियों में इसे लेकर गहरा आक्रोश है। इसे लेकर बुधवार को जिला/ महानगर कांग्रेस कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल व्यापारियों के साथ वाराणसी के जिला मुख्यालय पहुंचा और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार से मुलाकात करके तत्काल इस कार्रवाई रोकने की माँग की है।

सरकार कर रही काशी की आत्मा को बेचने का काम
इस दौरान महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि दालमंडी सिर्फ एक बाज़ार नहीं है, यह काशी की आर्थिक धड़कन और सांस्कृतिक पहचान है। लेकिन वर्तमान सरकार काशी (Varanasi) को कॉरपोरेट के हवाले करने पर तुली हुई है। यह विकास नहीं, विनाश की प्रक्रिया है। छोटे , मध्यम व्यापार को कुचलने की कोशिश की जा रही है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता संजीव सिंह का कहना रहा कि दालमंडी के प्रत्येक व्यापारी की आँख में भय, दर्द और भविष्य को लेकर चिंता झलक रही है। बनारस का व्यापार सदियों से सांस्कृतिक और धार्मिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। कांग्रेस पार्टी किसी भी कीमत पर इस अन्याय और दमन को स्वीकार नहीं करेगी।

Varanasi: डीएम को सौंपा 5 सूत्रीय मांग पत्र
बैठक के दौरान डीएम सत्येंद्र कुमार ने यह आश्वासन दिया कि पाँच दिनों के भीतर भू-स्वामियों, व्यापारियों और प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी। उसी बैठक (Varanasi) में सभी पक्षों से बातचीत कर, उनकी सहमति से ही आगे की अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन व्यापारियों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करेगा।
आपको बताते चलें कि प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रशासन से जिन 5 मांगों का उल्लेख किया गया, उनमें दालमंडी क्षेत्र में चल रहे ध्वस्तीकरण और अधिग्रहण की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने, सभी प्रभावित व्यापारियों को वैकल्पिक स्थान या समुचित मुआवज़ा देने, भू-स्वामियों के साथ बैठक में सभी निर्णय पारदर्शिता के साथ लेने, पुलिस और प्रशासन (Varanasi) द्वारा व्यापारियों पर किए जा रहे उत्पीड़न की जाँच करने और व्यापारी हितों की रक्षा के लिए एक स्थायी निगरानी समिति का गठन करना शामिल है।

