क्या आप भी स्वरस्थ रहकर बीमारियों से बचना चाहते हैं? अगर हां, तो आयुर्वेद में बताए गए इस सिद्धांत- दिनचर्या (Dinacharya) को समझें। दिनचर्या का मतलब है हमारा रोज का रूटीन। आयुर्वेद की मानें, तो दिनचर्या में हेल्दीब आदतों को शामिल करके आप स्विस्थत रह सकते हैं।दिनचर्या में खाना, सोना, हाइजीन, मेडिटेशन और योगा आदि की तकनीक शामिल है। अच्छीन दिनचर्या को फॉलो करने से बाल और त्व चा हेल्दीन रहते हैं, बीमारियों से बचाव होता है, वजन कंट्रोल होता है, तनाव घटता है, बीमारी को जल्दीन ठीक करने में मदद मिलती है।
आयुर्वेद के अनुसार, अपनी दिनचर्या में ये जरूरी बदलाव करें
1.ब्रह्ममुहूर्त में जागना
सूर्योदय से पहले उठना चाहिए क्योंकि उस समय का वातावरण प्रदूषण मुक्त रहता है। इस समय ऑक्सीजन की मात्रा सबसे अधिक होती है। प्रातः काल की सूर्य की किरणों और प्रदूषण मुक्त वातावरण के प्रभाव से शरीर से उपयोगी रसायन स्रावित होते हैं, जिससे शरीर ऊर्जावान बना रहता है।
2.उषापान
सुबह उठकर पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। यह समय से पहले बालों के सफेद होने और झुर्रियों को रोकता है।
3.ध्यान
स्वस्थ और एकाग्र मन के लिए, जो मानसिक और शारीरिक तनाव को दूर करता है। तनाव के कारण कोई शारीरिक और मानसिक रोग नहीं होते हैं। ध्यान के लिए ईश स्मरण, इष्ट या देवता का ध्यान करना चाहिए।
4.ब्रश करना और जीभ साफ करना
इससे दांत साफ और मजबूत होते हैं। मुंह की दुर्गंध और मुंह से अरुचि नष्ट होती है। जीभ साफ और गंदगी से मुक्त रहती है जिससे स्वाद धारणा स्वस्थ हो जाती है।
5.फेस वॉश
मुंह और आंखों को पानी से धोएं। इससे चेहरे से अत्यधिक तेल निकल जाता है। मुंहासे, झाइयां साफ हो जाती हैं, चेहरा गोरा हो जाता है। दृष्टि में सुधार होता है।
6.आई वॉश
दृष्टि साफ हो जाती है। आंखें सुंदर और आकर्षक बनती हैं। आंखों की रोशनी बढ़ती है और रोगों से मुक्ति मिलती है।
7.स्नान
दैनिक स्वास्थ्य के लिए स्नान आवश्यक है। स्नान करने से शरीर से सभी प्रकार की अशुद्धियां दूर हो जाती हैं। इससे गहरी नींद आती है, शरीर से अतिरिक्त गर्मी, दुर्गंध, पसीना, खुजली और प्यास दूर होती है। स्नान से शरीर की सभी इंद्रियां भी सक्रिय हो जाती हैं। रक्त शुद्ध होता है और भूख बढ़ती है।
8.साफ कपड़े पहनना
स्वच्छ और आरामदायक कपड़े पहनने से सुंदरता, खुशी बढ़ती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
9.सीधी धूप और धूल से बचें
सीधी धूप से बचना चाहिए। त्वचा के सीधे सूर्य की किरणों के अत्यधिक संपर्क में आने से जलन और सनबर्न जैसे विभिन्न विकार हो सकते हैं। इसलिए, आपको सुरक्षा के लिए छाता या स्कार्फ का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
10.नींद
गर्मी को छोड़कर सभी मौसमों में रात को 6-8 घंटे की नींद जरूरी है। गर्मियों में रात के साथ-साथ दिन में भी 1-2 घंटे आराम करना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक गर्मी से शरीर में पानी और ऊर्जा की हानि होती है। यह दिन के दौरान एक झपकी द्वारा फिर से भर दिया जाता है। उचित नींद लेने से शारीरिक और मानसिक थकान दूर होती है और पाचन क्रिया बेहतर होती है, जिससे शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।
Anupama Dubey