वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में नई कार्यकारिणी परिषद (BHU-EC) में सदस्यों की नियुक्ति के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद में बीजेपी और आरएसएस से जुड़े लोगों को शामिल करने पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बीएचयू-ईसी में पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, मेयर अशोक तिवारी और भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल को शामिल करने पर सवाल उठाए हैं।
BHU-EC: महिलाओं के प्रति बीजेपी की मंशा जगजाहिर
उनका आरोप है कि इन नियुक्तियों (BHU-EC)का आशय विश्वविद्यालय को बर्बाद करने और आरएसएस का कार्यालय बनाने जैसा है। बीएचयू परिसर में गैंगरेप करने के आरोपी सक्षम पटेल के रिश्तेदार दिलीप पटेल को मेंबर बनाकर भाजपा ने महिलाओं के प्रति अपनी मंशा जगजाहिर कर दी है। जो मेयर शहर में जलभराव की समस्या का निदान नहीं कर पा रहे वो बीएचयू में क्या प्रगति लाएंगे।
उन्होंने कहा, “महामना मदन मोहन मालवीय ने बीएचयू को विश्वविख्यात बनाया, लेकिन आज इसे बीजेपी और आरएसएस का अड्डा बनाया जा रहा है। ऐसे लोगों को परिषद में जगह देना शर्मनाक है।”
अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की, बीएचयू को लगभग चार साल बाद गठित कमेटी का भाजपाकरण तुरंत वापस लिया जाने की अपील भी की। इसके अलावा पदम पुरस्कार सम्मानित, वैज्ञानिक और बड़े शिक्षाविदों को नई ईसी में शामिल करने की बात कही।
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने चेतावनी दी कि कांग्रेस इस फैसले (BHU-EC)का पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने मांग की कि परिषद में योग्य शिक्षाविदों और सम्मानित हस्तियों को शामिल किया जाए, न कि राजनीतिक व्यक्तियों को। क्योंकि इस राजनीतिकरण से आम जनता और छात्र परेशान हैं।