- बीते साल के मुकाबले 30 फीसदी बढ़ी डीजल की खपत
Arbitrary Power Cut: बिजली की बेतहासा कटौती के बीच डीजल की खपत बढ़ गयी है। बाजार हो या फिर रिहायशी इलाके, जेनरेटरों के सहारे रोशनी फैलाने की जुगत के चलते डीजल की मांग में इजाफा हुआ है। बीते साल के मुकाबले अबकी बिजली अधिक कटने और लोकल स्तर पर होने वाले फॉल्ट, ट्रिपिंग से आपूर्ति बाधित होने से का फायदा डीजल विके्रताओं को खूब मिल रहा है। नजीता यह कि पिछले साल की तुलना में अबकी साल डीजल की खपत में 30 फीसदी तक इजाफा हुआ है।
उमस भरी गर्मी में बिजली आने-जाने का समय (Arbitrary Power Cut) अब निश्चित नहीं रह गया है। खासकर शाम के वक्त तो बिजली उस समय खूब रुलाने लगती है, जब बाजार में ग्राहकों के निकलने का समय होता है। दनादन ट्रिपिंग से नागरिक ही नहीं दुकानदार भी बेहाल हो जाते हैं। ऐसे में कारोबार बचाने और ग्राहकों की सुविधा के लिए कारोबारी इंवर्टर और जेनरेटर का सहारा लेना नहीं चूक रहे। छोटे दुकानदार तो इंवर्टर से काम चला लेते हैं लेकिन बड़े प्रतिष्ठान संचालकों का काम बगैर जेनरेटर के नहीं चलता। ऐसे दुकानदार 10 केवीए से लेकर 63 केवीए के तक जेनरेटर का उपयोग अधिक करते हैं।

Arbitrary Power Cut: 20-30 प्रतिशत तक बढ़ी खपत
जेनरेटर विक्रेताओं की मानें, तो इस साल 10 केवीए से 25 केवीए तक के जेनरेटरों (Arbitrary Power Cut) की मांग सर्वाधिक निकली। जेनरेटर बिके तो जाहिर है डीजल की खपत भी बढ़ी। पिछले साल की तुलना में अबकी मई से लेकर चालू माह में औसतन 20 से 30 प्रतिशत डीजल की खपत बढ़ी है। उधर, इंवर्टर एवं बैटरी के दाम बढ़ने के बावजूद मांग में कमी नहीं है। छोटे दुकानदार हो या फिर रिहायशी लोग। महंगाई के बावजूद ऐसे लोगों के बीच इन्वर्टर-बैटरी की भी बिक्री भी बढ़ी है। विक्रेताओं की मानें तो, इंवर्टन एवं बैटरी के दाम में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के बावजूद डिमांड कम नहीं है।