Arms Lisence Case: फर्जी तरीके से लगभग 35 वर्ष पहले शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में कोर्ट ने 16 जनवरी की तारीख दी है। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत में इस दिन मुख़्तार के वकील अपना पक्ष रखेंगे।
कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह व सीबीसीआइडी के एसपीओ उदय राज शुक्ला ने बहस करते हुए पक्ष रखा। अदालत ने बचाव पक्ष को अपनी बात रखने का अवसर देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 16 जनवरी की निर्धारित की हो। बांदा जेल में बंद मुख्तार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश किया गया। इस दौरान उसने लिखित रूप से अतिरिक्त साक्ष्य प्रस्तुत किए।
Arms Lisence Case: 35 वर्ष पुराना है मामला
प्रकरण के मुताबिक, मुख्तार ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस [Arms Lisence Case] के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप है कि गाजीपुर के तत्कालीन डीएम व एसपी के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। सीबीसीआइडी ने चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाना में मुख्तार, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच के बाद मुख्तार के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित कर दिया गया था।