- ईवीएम में चुनाव चिन्ह ‘ट्रक’ फिड होने से उसे मिले 855 वोट
वाराणसी। माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmad) अपने दमखम को दिखाने और मोदी के खिलाफ साल 2019 में वाराणसी से चुनावी ताल ठोंकी थी। लेकिन इस चुनाव में माफिया अतीक को सिर्फ 855 वोट मिले थे और उसकी जमानत जब्त हो गयी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अतीक अहमद ने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया। इस एलान के बाद अतीक को उम्मदी थी कि कोई राजनीतिक दल उनके ऊपर हाथ रखेगा पर ऐसा नहीं हुआ और अतीक ने अपने वकील के माध्यम से अपना नामांकन पत्र दाखिल करवाया। अतीक अहमद के वाराणसी से नामांकन करते ही सियासी खेमे में खलबली मच गयी थी और सभी मतों का आंकड़ा बैठाने में लग गए थे। निर्दल अतीक को चुनाव आयोग की तरफ से ट्रक चुनाव चिह्न आवंटित हुआ था। समर्थकों ने अतीक का प्रचार-प्रसार जोर-शोर से शुरू किया था।
चुनाव आयोग ने अतीक के सिम्बल को ईवीएम में फीड किया और सभी एवीएम रेडी हो गयीं। चुनाव से 4 दिन पहले अतीक अहमद के अधिवक्ता ने एक ऐलान किया, जिसके बाद भी सियासी गलियारों में खलबली मची रही। अतीक ने वाराणसी से चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया था। अंतिम समय में चुनाव विड्रा करने वाले अतीक अहमद का नाम एवीएम में फीड हो चुका था। ऐसे में उन्हें भी मत पड़े। लोकसभा 2019 के चुनाव में अतीक अहमद के चुनाव निशान ट्रक को 855 लोगों ने मतदान किया। इसी से पता चलता है कि अतीक के नाम से किता प्रभाव राजनीति में पड़ता है।
अतीक की थी नरिया में सभा
प्रयागराज में मारे गए माफिया अतीक अहमद अपना दल का प्रदेश अध्यक्ष रहने के दौरान निकाय चुनाव का प्रचार करने के लिए नरिया इलाके के भेगवीर में सभा करने के लिए पहुंचा था। सभा को संबोधित करने के बाद अतीक भेगवीर मोहल्ले में प्रत्याशी के समर्थन में मोहल्ले में घूमकर प्रचार भी किया था।