Azamgarh: पुलिस के प्रयास से 49 वर्षों से लापता महिला आखिरकार अपने परिवार से मिल सकी। यह भावुक कर देने वाली कहानी “ऑपरेशन मुस्कान” के तहत सामने आई, जिसकी अगुवाई अपर पुलिस अधीक्षक सिटी शैलेंद्र लाल ने की।
1975 में जनपद के रौनापार थाना क्षेत्र की निवासी 8 वर्षीय बच्ची फूला देवी मुरादाबाद से लापता हो गई थी। मंगलवार को पुलिस ने उसे वृद्धावस्था में उसके परिवार से मिलाया।

Azamgarh: कैसे हुआ खुलासा
प्राथमिक विद्यालय पजावा बिलासपुर (रामपुर) की शिक्षिका डॉ. पूजा रानी ने 19 दिसंबर को एएसपी सिटी शैलेंद्र लाल को सूचना दी कि एक महिला (फूला देवी) 49 साल पहले, 8 साल की उम्र में, मुरादाबाद के बाजार से लापता हो गई थी।
महिला ने बताया कि एक बुजुर्ग व्यक्ति ने उसे लालच देकर अगवा किया और बाद में रामपुर के लालता प्रसाद गंगवार को बेच दिया। लालता प्रसाद ने उससे शादी की और उनका एक बेटा सोमपाल (34 वर्ष) है। महिला अब अपने परिवार को खोज रही थी और आजमगढ़ के निवासी होने की बात कह रही थी।
पुलिस की कार्रवाई
सूचना के आधार पर एएसपी ने टीम गठित कर महिला की कहानी के मुताबिक गांवों और नामों की तलाश शुरू की। महिला ने अपने मामा रामचंदर और उनके घर के आंगन में एक कुएं का जिक्र किया था। जांच में पता चला कि यह गांव मऊ जिले के दोहरीघाट थाना क्षेत्र का है।
पुलिस ने पीड़िता के मामा रामहित से संपर्क किया, जिन्होंने महिला की पहचान की पुष्टि की। बाद में, पुलिस ने महिला के भाई लालधर (ग्राम वेदपुर, थाना रौनापार) से भी संपर्क किया। उन्होंने भी अपनी बहन के लापता होने की बात स्वीकारी।
Highlights
खुशी की लहर
49 साल बाद, फूला देवी को उसके परिवार से मिलाया गया। परिवार के साथ-साथ फूला देवी की आंखों में भी खुशी के आंसू थे। यह पुलिस की सतर्कता और “ऑपरेशन मुस्कान” के प्रयासों का नतीजा है, जिसने परिवार को इतने लंबे अंतराल के बाद फिर से जोड़ा।