- बनारसी मौज मस्ती व फागुन की मस्ती लिए होलियाना मूड में निकलेगी
- भूत-पिशाच के साथ ही होगी मसाने की होली, ठंडई के साथ झूमेंगे सभी बाराती
राधेश्याम कमल
वाराणसी। महाशिवरात्रि पर इस वर्ष 18 फरवरी को मैदागिन से निकलने वाली प्रसिद्ध शिवबारात में पहली बार बाबा विश्वनाथ की पंचबदन की रजत प्रतिमा का श्रद्धालुओं को दर्शन होगा। शिवबारात में भूत-पिशाच, ताल-बेताल, देवी-देवताओं के साथ ही मसाने की होली, मथुरा की होली, वृंदावन की होली भी होगी। इस साल शिवबारात का 41वां साल है। यह जानकारी बुधवार को अस्सी घाट पर समिति के पदाधिकारियों अजीत सिंह बग्गा, बदरुद्दीन अहमद, संजय केशरी, दिलीप सिंह, महेश माहेश्वरी, पवन खन्ना, सुनील शुक्ल, राजेश केशरी, कमल सिंह ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।
बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत स्व. कौशलपति त्रिपाठी ने कहा था कि जब इस शिव बारात के 40 साल पूरे हो जायेंगे तब हम काशी विश्वनाथ की पंचबदन की प्रतिमा को शोभायात्रा में ले जाने की अनुमति देंगे। आज शिवबारात का 41 साल है जिस पर समिति के पदाधिकारियों के आग्रह पर वर्तमान महंत डा. कुलपति तिवारी बारात में बाबा की पंचबदन की रजत प्रतिमा को ले जाने की अनुमति दे दी है। बताया कि वर्ष 1983 में जब काशी विश्वनाथ मंदिर से सोना चोरी हो गया था तब उसके विरोध में शिवबारात निकाली गई थी। बारात 18 फरवरी को सायंकाल सात बजे महामृत्युंजय महादेव मंदिर (दारानगर) से निकाली जायेगी। जो मैदागिन, बुलानाला, चौक, गोदौलिया, होती हुई डेढ़सीपुल तक जायेगी। वहां पर वधू पक्ष ठंडई, भांग, माला-फूल के साथ बरातियों की आगवानी की जायेगी।
इस बार की बारात बनारसी मौज मस्ती व फागुन की मस्ती लिए होलियाना मूड में निकलेगी। इसमें बाबा विश्वनाथ अपने गण, भूत-पिशाच, गंधर्वों व नर-किन्नर के साथ मिल कर होली खेलते नजर आयेंगे। साउंड व लाइट सिस्टम से आधारित खेले मसाने में होली विशेष आकर्षक में होगी। इस बार सांड़ बनारसी (दूल्हा), व्यापारी नेता बदरुद्दीन अहमद (दूल्हन) बनेंगे जो काशी की अप्रतिम गंगा जमुनी तहजीब को दर्शायेंगे। इस बार भी भूत,पिशाच, सपेरे, मदारी, साधु-संन्यासी, जादूगर, बैण्ड बाजा, ढोल नगाड़ा के साथ ही विदेशी भी आकर्षक के केन्द्र होंगे। बारात के समापन स्थल डेढ़सी पुल पर वधू पक्ष की तरफ से दशाश्वमेध व्यापार मंडल व विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ ठंडई व भांग के साथ स्वागत करेगा।