Jaunpur Loksabha: समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के एक और लिस्ट रविवार को जारी कर दी है। सपा ने अपनी इस लिस्ट में फूलपुर से अमरनाथ मौर्य, श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा, डुमरियागंज से भीष्म शंकर, संतकबीरनगर से लक्ष्मीकांत, सलेमपुर से रमाशंकर राजभर, जौनपुर [Jaunpur Loksabha] से बाबू सिंह कुशवाहा और मछलीशहर से प्रिया सरोज को अपना उम्मीदवार बनाया है।
ऐसे में जौनपुर से बाबू सिंह कुशवाहा [Jaunpur Loksabha] को टिकट देना इस लोकसभा सीट के चुनाव को और भी ज्यादा दिलचस्प बनाने वाला है। सपा से बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट देने से यहाँ का चुनाव रोचक हो गया है क्योकि जनता के बीच जिस प्रकार से बाबू सिंह कुशवाहा की पकड़ दिखती है। उससे यह साफ़ जाहिर होता है कि इस बार के चुनावी मैदान में विपक्षी दलों को सपा के बाबू सिंह कुशवाहा कड़ी टक्कर देंगे।
Jaunpur Loksabha: आइए जानते हैं कैसा रहा बाबू सिंह कुशवाहा का राजनीतिक सफर..
बांदा जिले के बबेरू तहसील के पखरौली गांव में एक कृषक परिवार से जुड़े बाबू सिंह कुशवाहा ने जीवन यापन के लिए अतर्रा में ही लकड़ी का टाल खोलकर जीवन यापन शुरू किया था।
- काफी मेहनत और लगन के चलते वर्ष 1985 में उन्होंने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर मौका मिला राजनीति में आने का।
- जनता के बीच लोकप्रियता बनाने रखने वाले बाबू सिंह कुशवाहा 17 अप्रैल 1988 को बसपा संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आए।
- कांशीराम ने बाबू सुंह को दिल्ली बुलाया तो सियासत में अपनी किस्मत अजमाने और एक सुनहरे भविष्य का ख्वाब लेकर बाबू सिंह कुशवाहा दिल्ली गए।
- इसके बाद उन्हें कांशीराम ने बसपा कार्यालय का कर्मचारी बना दिया।
- समय आया उनके किस्मत चमकने का, दिल्ली के बसपा कार्यालय में कर्मचारी का कार्य करते हुए उन्हें छह माह भी नहीं बीते थे कि उनको प्रोन्नत कर लखनऊ कार्यालय में संगठन का काम करने भेजा दिया गया।
- 1993 में सपा व बसपा के गठबंधन हुए तो बाबू सिंह को बांदा का जिलाध्यक्ष बनाया गया।
- मायावती ने उनको बसपा दफ्तर में टेलीफोन ऑपरेटर की जिम्मेदारी सौंपी। 1997 में उनको पहली बार विधान परिषद सदस्य के तौर पर बड़ा इनाम मिला।
- वर्ष 2003 में बाबू को परिषद में दोबारा भेजा गया। 2003 में तीसरी बार बसपा की सरकार बनी तो कुशवाहा को पंचायती राज मंत्री बनाया गया।
- 2007 में बसपा पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई तो बाबू सिंह को खनिज, नियुक्ति, सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिले।
- परिवार कल्याण विभाग बना तो बाबू सिंह को यह विभाग भी सौंपा गया।
- इसके बाद से बाबू सिंह कुशवाहा लगातार चर्चा में बने हुए है बसपा से अलग होने के बाद बाबू सिंह कुशवाहा ने अपनी एक अलग पार्टी बनाई जिसका नाम जन अधिकार पार्टी रखा तब से जनता के अधिकार के लिए वो लगातार काम करते आ रहे हैं।
- इसके बाद अब सपा में शामिल होकर वह जौनपुर से प्रत्याशी हो गए। आज सपा ने अपनी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की जिसमें जौनपुर सीट [Jaunpur Loksabha] से बाबू सिंह कुशवाहा का नाम ऐलान किया है।
बताते चलें कि लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 7 चरणों में होंगे। उत्तर प्रदेश में सभी 7 चरणों में ही वोटिंग होगी। चरण एक और दो के लिए मतदान 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को होंगे। इसके बाद राज्य में 7 मई और 13 मई को तीसरे और चौथे चरण में मतदान होगा। 20 मई, 23 मई और 1 जून को पांचवें, छठे और सातवें चरण में वोट डाले जाएंगे। इसी सातवे चरण में जौनपुर [Jaunpur Loksabha] का भी चुनाव होना है। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।