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Home धर्म कर्म

सूर्य को जल देने वाली प्रक्रिया से मिलने वाले लाभ

by Lucknow Tutorial Team
May 16, 2023
in धर्म कर्म
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सूर्य को जल देने वाली प्रक्रिया से मिलने वाले लाभ
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हिंदू धर्म में प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल चढ़ाने की परंपरा हैं लेकिन आखिरकार सूर्य को जल चढ़ाने का महत्व क्या हैं? आजकल हम में से ज्यादातर लोग सभी परंपराओं के मूल या कारण को जानना चाहते हैं ताकि उन्हें इनके करने का औचित्य समझ में आ सके।

चिंता मत कीजिए क्योंकि आज हम आपको यही बताने वाले हैं। दरअसल सूर्य को अर्घ्य देने का वैज्ञानिक कारण जानकर आप आश्चर्य चकित रह जाएंगे। हमारे ऋषि-मुनियों ने आज से सदियों पूर्व गहन अध्ययन कर सभी परंपराओं को निर्धारित किया था ताकि मानव सभ्यता को उसका सर्वोत्तम लाभ मिल सके जिसमे से एक सूर्य भगवान को जल चढ़ाना था। आइए जाने।

सूर्य को जल देने का वैज्ञानिक कारण
इसे समझने के लिए सबसे पहले इसे करने की प्रक्रिया को समझना होगा, तभी हम इसके वैज्ञानिक महत्व को समझ पाएंगे।

सूर्य को जल देने की प्रक्रिया
1.इसके लिए हमे सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होता हैं।
2.उसके बाद एक तांबे के बर्तन में शुद्ध जल लेकर पूर्व दिशा की ओर मुख करना होता हैं।
3.अब अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाकर, उन्हें थोड़ा आगे की ओर झुकाकर सूर्य देव की ओर जल को एक सीधी धारा में नीचे गिराना होता है।
4.सूर्य देव को जल देते समय हमे उस जल की गिरती धारा में निरंतर देखना होता हैं।
5.बर्तन का सारा जल चढ़ाने के पश्चात हमे उस जल को छूकर अपने माथे व आँखों पर लगाना होता हैं और फिर उसकी तीन परिक्रमा करनी होती हैं।


सूर्य को जल चढ़ाने का वैज्ञानिक लाभ
अब बात करते हैं इस प्रक्रिया के वैज्ञानिक लाभ की। इस पूरी प्रक्रिया से हमे एक नही बल्कि कई वैज्ञानिक फायदे होते हैं जैसे कि:

1. आँखों के लिए

सूर्य देव को जल चढ़ाने का सबसे अधिक फायदा जिसे मिलता हैं वह हैं हमारी आँखें। जी हां, सही सुना आपने। अब जानते हैं कैसे। आपने शायद स्कूल में पढ़ा होगा या प्रैक्टिकल भी करके देखा होगा कि प्रिज्म से सूर्य की किरणों को गुजारने पर वह सात रंगों में विभाजित हो जाती हैं।

ठीक उसी प्रकार, जब हम जल की धारा को सूर्य की ओर करके चढ़ाते हैं तब इसकी किरणें इसमें से सात रंगों में विभाजित होकर हमारी आँखों पर पड़ती हैं। इस प्रक्रिया में हमे निरंतर उस जल की धारा को देखना होता हैं। ऐसा करने से हमारी आँखों में रंगों का असंतुलन ठीक होता हैं तथा वे पहले की अपेक्षा और तेज व स्वस्थ बनती हैं।

इसलिए यदि आपके चश्मा लगा हुआ हैं या आँखें कमजोर हैं तो आज से ही नित्य रूप से सूर्योदय के समय सूर्य को जल देना प्रारंभ कर दीजिए। यह आपकी आँखों के लिए आश्चर्यजनक रूप से बहुत लाभदायक रहने वाला हैं।

2. विटामिन डी की आपूर्ति होना

यह तो हम सभी जानते हैं कि सूर्य विटामिन डी का सबसे प्रमुख स्रोत हैं लेकिन इस प्रक्रिया को करने से ही इस चीज़ का लाभ मिलेगा ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य को जल देने की प्रक्रिया सूर्योदय या सूर्य उदय होने के 1 से 2 घंटे के भीतर की जाती हैं।

सूर्य से जो हमे विटामिन डी मिलता हैं वह इसी समय सबसे लाभदायक होता हैं क्योंकि इसके बाद सूर्य की किरणें तेज हो जाती हैं जो हानिकारक भी होती हैं। इसलिए लोग सुबह के समय सैर या मोर्निंग वॉक करने जाते हैं। आप भी सूर्य को जल देने की क्रिया के साथ-साथ विटामिन डी लेकर एक पंथ दो काज कर सकते हैं।

3. दिल के रोग ना के बराबर

सुबह के समय सूर्य का प्रकाश हमारे लिए कई तरह से लाभदायक होता हैं जिनमें से एक हैं दिल का स्वस्थ रहना। जब आप सूर्य देव को जल चढ़ा रहे होंगे तब आपका सीना सूर्य देव की ओर होता हैं। ऐसे में सूर्य का प्रकाश उस पर सीधा पड़ता हैं।

इस प्रक्रिया से सूर्य का प्रकाश सीधे दिल में प्रवेश करने से दिल की कई गंभीर बिमारियों से छुटकारा पाया जा सकता हैं। इससे ना केवल आपका दिल स्वस्थ रहेगा बल्कि आप दीर्घायु भी होंगे।

4. त्वचा के रोगों से मुक्ति

आपने ध्यान दिया होगा तो हमने सूर्य को जल देने की प्रक्रिया में सबसे पहले यहीं बताया कि इसे बिना स्नान किये नही किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि स्नान करने के पश्चात आपके शरीर के असंख्य रोमछिद्र खुल जाते हैं और उनमे से मैल व गंदगी निकल जाती हैं।

जब आप सूर्य देव को जल दे रहे होते हैं तब त्वचा के असंख्य रोमछिद्रों के द्वारा भी सुबह के समय का सूर्य प्रकाश व उसकी किरणें अवशोषित की जाती हैं। यह आपकी त्वचा के लिए अत्यंत लाभदायक होता हैं व कई प्रकार के चर्म रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक सिद्ध होता हैं।

5. मानसिक शांति का अनुभव

यह सूर्य को जल देने का एक ऐसा लाभ हैं जो आज के समयकाल में लगभग सभी की एक मूलभूत आवश्यकता बन गया हैं। सूर्य देव को प्रतिदिन जल देने की क्रिया से आपका दिमाग पहले की अपेक्षा ज्यादा शांत व केन्द्रित रहेगा। इससे आपको अपना ध्यान इधर-उधर ना भटकने और काम पर ध्यान देने में सहायता मिलेगी।

कुछ दिनों के सूर्य को जल देने के अभ्यास के पश्चात आप स्वयं अपने आप में मानसिक शांति का अनुभव कर पाएंगे। बस आप इसे शुरू करके देखिये। यदि किसी कारणवश आप सुबह जल्दी उठकर सूर्य भगवान को जल देने में अक्षम हैं तो सूर्यास्त के समय भी उन्हें जल दिया जा सकता हैं। इस क्रिया से लाभ तो मिलेगा लेकिन सूर्योदय के समय जितना नही।

Anupama Dubey

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Tags: सूर्य को रल देने से लाभ
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