Bhoo Samaadhi: मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के छोटी खजुरी स्थित रामजानकी मठ में महंत नारायण दस की भू-समाधि (Bhoo Samaadhi) के विरोध में बुधवार देर रात बवाल हो गया। जिसके बाद ग्रामीण उग्र हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने इस दौरान ग्रामीणों पर पथराव कर आठ पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया। वहीँ कई वाहनों के शीशे भी क्षतिग्रस्त हो गए। विवाद इन बढ़ा कि मौके पर पांच थानों की पुलिस बुलानी पड़ गई। पुलिस ने बवाल को शांत कराने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां भांजी, जिसके बाद तनाव कुछ शांत हुआ।
इस मामले में मिर्जामुराद थानाध्यक्ष की तहरीर पर 19 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास व सरकारी काम में बाधा डालने समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना के बाद राम जानकी मठ की सुरक्षा बढ़ा दी गई है साथ ही उसके आसपास पुलिस तैनात कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक, मिर्जामुराद थाना अंतर्गत छोटी खजुरी गांव स्थित राम जानकी मंदिर मठ में बुधवार को महंत बाबा नारायण दास (98) का निधन हो गया था। महंत के निधन की सूचना पाकर काफी संख्या में मठ में उनके अनुयायी जुट गए। महंत की इच्छानुसार, आश्रम परिसर में उन्हें भू-समाधि (Bhoo Samaadhi) देने के लिए जमीन की खोदाई शुरू की गई। जानकारी पाकर खजुरी गांव के लोग इकट्ठा होकर विरोध करना शुरू कर दिए। जिसके बाद वहां बवाल बढ़ गया।
बवाल इतना बढ़ा कि बाबा के भू समाधि (Bhoo Samaadhi) को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हो गए। इसमें एक पक्ष जो कि बाबा के भू समाधि के पक्ष में था, वह मठ के लोग थे। वहीं स्थानीय ग्रामीण भू समाधि (Bhoo Samaadhi) का विरोध कर रहे थे। मठ की साध्वी सरस्वती दास के अनुसार, वे लोग अपने गुरु की इच्छा का सम्मान करते हुए उनको आश्रम की जमीन में ही भू-समाधि देने की तैयारी में थे। घटना की जानकारी पाकर मिर्जामुराद थानाध्यक्ष आनंद कुमार चौरसिया फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराने में जुट गए।
Bhoo Samaadhi के लिए गड्ढा खुदाई देख ग्रामीण हुए उग्र
विवाद के कारण महंत बाबा नारायण दास का शव सुबह से देर रात तक बर्फ की सिल्लियों के सहारे रखा रहा। विवाद बढ़ता देख कपसेठी, जंसा, राजातालाब और रोहनिया थाने की फोर्स भी मौके पर पहुंची। देर रात भू-समाधि (Bhoo Samaadhi) के लिए गड्ढा खोदाई का काम चल रहा था, उसी दौरान लाठी-डंडे से लैस ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए पथराव शुरू कर दिया। पथराव में दरोगा सचिन पटेल, अतुल मिश्रा, प्रमोद यादव, अमित पांडेय व श्वेतांशु पांडेय, हेड कांस्टेबल सर्वेंद्र कुमार, कांस्टेबल गजेंद्र यादव और होमगार्ड चालक दीपक सिंह घायल हो गए।
इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ कर और लाठियां पटक कर भीड़ को तितर-बितर किया। रात दो बजे के लगभग माहौल सामान्य होने पर महंत को भू-समाधि दी गई। इस संबंध में मिर्जामुराद थाना प्रभारी आनंद कुमार चौरसिया ने मुकदमे के आरोपियों के खिलाफ पुलिस प्रभावी तरीके से कार्रवाई करेगी।
Bhoo Samaadhi: 43 वर्षों से मठ में रहते हैं साधु संत
इस मामले में राम जानकी मंदिर मठ की साध्वी सरस्वती दास की ओर से भी पुलिस को तहरीर प्राप्त हुआ है. जिसके आधार पर मिर्जामुराद थाने में 19 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ बलवा समेत अन्य संगीन आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। साध्वी सरस्वती दास ने पुलिस को बताया कि गजाधर सिंह द्वारा दान में दी गई जमीन पर वर्ष 1980 से आश्रम बना है। उसी समय से आश्रम में साधु-संत रहते हैं।
बुधवार को महंत नारायण दास के निधन के बाद आश्रम स्थित जमीन में उनकी भू-समाधि के विरोध में ग्रामीण अनायास ही लामबंद हो गए और भू-समाधि का विरोध करने लगे। सभी ने पथराव कर तोड़फोड़ की। पथराव में पुलिस कर्मियों के साथ ही मठ के साधु-संत भी घायल हुए हैं।
इनलोगों पर नामजद मुकदमा
दोनों मुकदमों में अभी तक 19 लोग नामजद हुए हैं। जिनमें छोटी खजुरी गांव का राजू यादव, रामप्रताप यादव, रामनरेश यादव, अशोक कुमार यादव, लखन यादव, कमलेश यादव, रमेश यादव, शीतला यादव, हरिनाथ यादव, जीतलाल यादव, कोल्हर यादव, सुरेश यादव, संगम यादव, दिनेश यादव, रामा यादव, संजय कुमार यादव, अमरनाथ यादव व बड़ी खजुरी का डॉ। राजभर और धर्मेंद्र यादव छात्र नेता का नाम शामिल है।