वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव को लेकर छात्रों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को केंद्रीय कार्यालय के बाहर छात्रों ने अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जो शुक्रवार को और तीव्र हो गया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने अपर परीक्षा नियंत्रक प्रो. ज्ञानप्रकाश सिंह पर आरोप लगाते हुए उनका पुतला जलाया।
BHU: पुतला दहन के दौरान झड़प
पुतला जलाने के दौरान बीएचयू के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच तनावपूर्ण झड़पें हुईं। सुरक्षाकर्मी बार-बार छात्रों से पुतला छीनने की कोशिश करते रहे, लेकिन छात्र अंततः उसे जलाने में सफल रहे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर भ्रमित कर रहा है और छात्रों को गुमराह कर रहा है।

छात्रों का आरोप: मानसिक उत्पीड़न का प्रयास
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता दिव्यांश दुबे ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “पीएचडी प्रवेश पहले साल में दो बार आयोजित होता था, जिसे अब तीन साल में एक बार कर दिया गया है। इससे छात्रों को भारी नुकसान हो रहा है। प्रशासन का उद्देश्य छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना और मानसिक उत्पीड़न करना है।”
छात्रों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रशासन के सामने चार प्रमुख मांगें रखीं:
- साक्षात्कार में सभी को मौका: पीएचडी साक्षात्कार में नेट पास सभी उम्मीदवारों को शामिल किया जाए।
- सीटों का न्यायसंगत आवंटन: सभी श्रेणियों में सीट आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
- निलंबन मामलों की पुनर्समीक्षा: कुलपति के कार्यकाल में निलंबित और निष्कासित छात्रों के मामलों की निष्पक्ष जांच हो।
- रिव्यू कमेटी का गठन: छात्रों पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई रोकने के लिए समीक्षा समिति बनाई जाए।
विरोध प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान
प्रदर्शनकारी छात्रों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।
Higlights
प्रशासन का रुख और सुरक्षा इंतजाम
घटना पर बीएचयू प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है।