फीस वृद्धि के खिलाफ सिंहद्वार पर धरना-प्रदर्शन से यातायात हुआ प्रभावित
छात्रों ने सौंपा पत्रक, कमेटी ने दिया 45 दिन में रिपोर्ट सौंपने का भरोसा
पिछले 27 दिनों से धरनारत थे छात्र
वाराणसी। बीएचयू में फीस वृद्धि के विरोध में लंका स्थित सिंह द्वार पर बैठे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े छात्रों और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार दोपहर धरना स्थगित कर दिया। बीएचयू प्रशासन की ओर से लिखित आश्वासन मिलने पर ही आंदोलनकारियों ने आंदोलन खत्म किया। बीएचयू प्रशासन के प्रतिनिधमंडल की कमेटी ने 45 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आश्वसन दिया है।
बता दें कि एबीवीपी बीएचयू इकाई की तरफ से फीस वृद्धि के खिलाफ पिछले 27 दिनों से आंदोलन किया जा रहा था। बीते बुधवार की शाम से ही फीस वृद्धि के खिलाफ एबीवीपी से जुड़े छात्र और कार्यकर्ता सिंह द्वार बंद कर धरना दे रहे थे। सिंह द्वार बंद होने से यातायात भी प्रभावित हो रहा था। हालांकि मुख्य द्वार पर दोनों तरफ के छोट गेट आवाजाही के लिए खुले रहे। यातायात चालू कराने के लिए मौके पर पहुंची पुलिस ने आंदोलनकारियों को मनाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वे फीस वृद्धि वापस होने तक धरना-प्रदर्शन समाप्त करने को तैयार नहीं थे।
खुल गया सिंह द्वार
बता दें कि आंदोलनकारी छात्रों और बीएचयू प्रशासन के बीच बुधवार की रात हुई वार्ता पूरी तरह विफल रही थी। आंदोलनकारी छात्रों का कहना था कि जब तक उन्हें लिखित में फीस वृद्धि वापसी का आश्वासन नहीं दिया जाता है या कमेटी की डेडलाइन नहीं तय की जाती, तब तक वे सिंह द्वार नहीं खोलने देंगे। गुरुवार को बीएचयू प्रशासन ने फीस वृद्धि पर गठित समिति ने लिखित रूप में यह आश्वासन दिया 45 दिनों के भीतर छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस दौरान आंदोलनकारी छात्रों ने कमेटी को पत्रक भी सौंपा था। इसके बाद एबीवीपी ने धरने को खत्म करते हुए सिंह द्वार को खोल दिया गया। आंदोलन का नेतृत्व बीएचयू इकाई के अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने किया।