काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की मौजूदा हालातों को लेकर छात्रसंघ संघर्ष समिति ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक औपचारिक पत्र लिखकर विश्वविद्यालय में जारी प्रशासनिक अव्यवस्थाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है और स्थायी कुलपति की तत्काल नियुक्ति की मांग की है।
छात्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद वाराणसी स्थित यह केंद्रीय विश्वविद्यालय (BHU) कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। पत्र में छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक माहौल लगातार गिर रहा है और पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता की भारी कमी है, जिससे छात्र समुदाय में असंतोष बढ़ रहा है।
BHU: अकादमिक गतिविधियों पर पड़ रहा असर
संघर्ष समिति ने इस स्थिति की मूल जड़ के रूप में स्थायी कुलपति की अनुपस्थिति को जिम्मेदार ठहराया। महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र और विश्वविद्यालय (BHU) के कुलाधिपति न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय के निधन के बाद से संस्थान नेतृत्वहीन स्थिति में है। छात्रों का कहना है कि इससे विश्वविद्यालय में निर्णय लेने की प्रक्रिया बाधित हो रही है और अकादमिक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है।
छात्रों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि विश्वविद्यालय (BHU) के भविष्य और शैक्षणिक गरिमा को बनाए रखने के लिए स्थायी कुलपति की नियुक्ति शीघ्र की जाए।