वाराणसी। BHU ट्रामा सेंटर ने मरीजों और उनके परिचारकों के लिए दो नई सेवाओं की शुरुआत की है। इन सेवाओं में रोगी रसोई और डाइटरी सेवा तथा आयुष वाटिका शामिल हैं। यह पहल मरीजों को पौष्टिक भोजन और तनावमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है। उद्घाटन समारोह में महापौर अशोक तिवारी, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, आईएमएस BHU के निदेशक डॉ. संखवार, और अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी उपस्थित रहे।
रोगी रसोई और डाइटरी सेवा: मरीजों के लिए मुफ्त पौष्टिक भोजन
BHU ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों को अब दिन में तीन बार स्वच्छ और मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। उद्घाटन के बाद महापौर और जिलाधिकारी ने स्वयं मरीजों को भोजन परोसा और उनकी सेहत के बारे में जानकारी ली।

ट्रामा सेंटर के इंचार्ज प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि 354 बिस्तरों वाले अस्पताल के सभी मरीजों के लिए यह सेवा लागू की गई है। भोजन वितरण को समयबद्ध और प्रभावी बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं, ताकि मरीजों को सही समय पर भोजन मिल सके।
आयुष वाटिका: परिचारकों के लिए तनावमुक्त वातावरण
मरीजों के साथ आने वाले परिचारकों के लिए आयुष वाटिका की स्थापना की गई है। यह एक पर्यावरण-अनुकूल स्थान है, जो मानसिक शांति और तनावमुक्त माहौल प्रदान करता है। विशेष रूप से आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित होगी। आयुष वाटिका अस्पताल परिसर में एक सकारात्मक अनुभव देने के उद्देश्य से बनाई गई है।
उद्घाटन कार्यक्रम में अतिथियों के विचार
उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और विशिष्ट अतिथि महापौर अशोक तिवारी ने ट्रामा सेंटर की सेवाओं की सराहना की। जिलाधिकारी ने इसे मरीजों और उनके परिवारों के लिए लाभदायक पहल बताया। महापौर ने शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए अस्पताल की व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।
सेवाओं का लाभ और BHU ट्रामा सेंटर की उपलब्धियां
ट्रामा सेंटर के मैनेजर ने बताया कि मुफ्त पौष्टिक भोजन की सुविधा मरीजों की स्वास्थ्य प्रक्रिया को तेज करेगी। वहीं, आयुष वाटिका अस्पताल में रहने वाले परिचारकों को तनावमुक्त और सुकूनदायक अनुभव प्रदान करेगी।
Highlights
बीएचयू ट्रामा सेंटर, जो उत्तर भारत के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में गिना जाता है, ने वर्ष 2023 में महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की हैं:
- 2,35,956 बाह्य रोगियों (ओपीडी) का पंजीकरण।
- 13,092 मरीजों की भर्ती।
- औसतन 17,722 सर्जरी।
- आयुष्मान भारत योजना के तहत 1,700 से अधिक मरीजों को लाभ।

