Book Exhibition: कहते हैं कि साहित्य समाज का आईना होता है। देश में सभ्यताओं के उदय से लेकर नवजागरण काल, स्वतंत्रता संग्राम में साहित्य के दम पर क्रांति आई। आजादी के बाद भी साहित्य की बदौलत ही देश के प्रधानमंत्री को अपनी कुर्सी छोडनी पड़ गयी थी। एस में युवाओं के मन में साहित्य के प्रति प्रेम जगाने के उद्देश्य से महामना की बगिया बीएचयू में एक विशाल प्रदर्शनी लगाई गई है।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में छात्राओं के लिए विशाल छ: दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी [Exhibition] लगाई गई है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स में साहित्यिक भावना को जगाना है। प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में छात्राएं यहां पर पहुंच रहे हैं और यहां से जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं। इस प्रदर्शनी में कला, साहित्य, संस्कृति के साथ ही अन्य विषय की पुस्तकों की लगाई गई है। बताया जा रहा है कि इस प्रदर्शनी में लगभग एक लाख किताबें रखी गई हैं।

कहानी और उपन्यास के किताबों तरफ युवाओं का रुझान
बीएचयू के राधाकृष्ण सभागार में लगी पुस्तक प्रदर्शनी [Exhibition] में हिंदी साहित्य, धर्म- कृत अध्यात्म, दलित और खी विमर्श के अलावा कई पाठ्य पुस्तकें भी हैं। कहानी और उपन्यास की किताबों के तरफ युवाओं का जमावड़ा दिखाई दे रहा हैं। इस पुस्तक प्रदर्शनी में ‘काशी का अस्सी’ के प्रो० काशीनाथ सिंह की रेहन पर रग्धू, लोग बिस्तर पर, क्या भूलूं क्या याद करूं जैसे उपन्यास पसंद किए जा रहे हैं।

14 अक्टूबर तक प्रदर्शनी Exhibition] का आयोजन
प्रदर्शनी के बाबत अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि राजकमल प्रकाशन के ओर से 14 अक्टूबर तक इस प्रदर्शनी [Exhibition] का आयोजन किया गया है। हमारे समूह द्वारा बीएचयू में साल में दो बार प्रदर्शनी लगाई जाती है इस बार यहां करीब 5 हजार टाइटिल की किताबें हैं। कुल किताबों की संख्या करीब 1 लाख है। यहां हर किताब पर 20% की छूट दी जा रही हैं। हमारे प्रशासन की किताबें काफी सस्ती होती है इसलिए युवाओं का रुझान काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है।

क्या कहते हैं लोग
यहां पर कई ऐसी पुस्तक हैं जो पढ़ने में काफी अच्छी है। उनके लेखक भी काफी अच्छे है। उन्होंने कहा कि हमने तीन साहित्य और एक इतिहास की किताब ली हैं। यह किताबें हम जब खाली रहते हैं तो पढ़ा करते हैं।
- निधि, स्टूडेंट।
इस प्रदर्शनी में हमने कुल 8 किताबों को खरीदा हैं। हमें यहां आकर एक चीज सबसे अच्छी लगी कि आजकल के युवा भी किताबों की तरफ काफी आकर्षित हैं। इतनी बड़ी संख्या में वह किताब खरीद रहे हैं और उसको पढ़ने भी हैं। उहमने भारत के इतिहास से जुड़ी कई किताबें ली है इसके अलावा साहित्य और कहानियों के भी किताब ली हैं।
- कमल प्रसाद शर्मा, आगंतुक।