वाराणसी में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) हिमांशु नागपाल के औचक निरीक्षण में जिला प्रोबेशन कार्यालय की कार्यप्रणाली में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। निरीक्षण के दौरान पत्रावलियों के अव्यवस्थित रख-रखाव और कर्मचारियों की उदासीनता को गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने तीन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर उन्हें निलंबित करने की सिफारिश की है।
गुरुवार सुबह जिला प्रोबेशन कार्यालय पहुंचे सीडीओ ने बिना पूर्व सूचना के निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नियुक्तियों से संबंधित दस्तावेजों और वित्तीय पत्रावलियों की गहन समीक्षा की। कई महत्वपूर्ण फाइलें कार्रवाई के अभाव में धूल फांकती पाई गईं, जबकि कुछ पत्रावलियां बिना किसी क्रम के यूं ही पड़ी थीं।

सबसे बड़ी लापरवाही तब उजागर हुई जब उन्होंने कनिष्ठ सहायक नाग नारायण यादव की अलमारी खुलवाई। अलमारी में नियुक्ति से जुड़ी अहम दस्तावेजी फाइलें अस्त-व्यस्त और धूल-धूसरित हालत में मिलीं, जिनका कोई व्यवस्थित रिकॉर्ड नहीं था।
विभागीय दस्तावेजों के इस तरह अव्यवस्थित होने, अद्यतन न होने और कर्मचारियों के पास आवश्यक जानकारी न होने को सीडीओ ने गंभीर लापरवाही माना। उन्होंने कनिष्ठ सहायक नाग नारायण यादव, वरिष्ठ सहायक राजीव कुमार राय और उर्दू अनुवादक रशीदा बेगम को दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई के निर्देश दिए और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने को कहा।

CDO ने 10 दिनों के भीतर कार्यवाही पूरी करने के दिए निर्देश
इसके अतिरिक्त, सीडीओ ने नियुक्तियों से संबंधित सभी लंबित पत्रावलियों पर अगले 10 दिनों के भीतर कार्यवाही पूरी करने और समस्त दस्तावेजों के सुव्यवस्थित प्रबंधन की स्पष्ट हिदायत दी। इस सख्त कार्रवाई से विभागीय कर्मचारियों को स्पष्ट संदेश गया है कि लापरवाही और ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।