Masaan Holi: काशी के मणिकर्णिका घाट पर अनोखी मसान होली, जब जलती चिताओं की राख से सजा रंगोत्सव! यह अद्भुत और अविस्मरणीय नज़ारा, जो सिर्फ और सिर्फ काशी नगरी में देखने को मिलता है। एक तरफ जलती हुई चिताएं, दुख और सिसकियों का साया… और दूसरी तरफ भस्म से सजा अनोखा जश्न! जी हां, ये है मणिकर्णिका घाट की विश्वप्रसिद्ध मसान होली।
हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा मणिकर्णिका घाट
भूतभावन बाबा विश्वनाथ के रंगभरी एकादशी के बाद अब काशी में शुरू हुआ वो उत्सव, जहां जीवन और मृत्यु के बीच रंगों की एक अनूठी रचना होती है। बाबा विश्वनाथ, अपने गणों नंदी, भृंगी, श्रृंगी और भूत-प्रेतों के संग जलती चिताओं की भस्म (Masaan Holi) से अद्भुत होली खेलते हैं। इस दौरान हर-हर महादेव के गगनभेदी जयघोष से पूरा घाट गूंज उठता है।

शिवभक्तों ने चिता की भस्म को अबीर की तरह उड़ाया
धुनी रमाए नागा साधु जब घाट पर पहुंचे, तो श्रद्धालुओं ने उनके ऊपर राख डालकर उन्हें नमन किया। इसके बाद चिता की भस्म (Masaan Holi) को अबीर-गुलाल की तरह उछालते भक्तों ने महादेव के नाम की गूंज से माहौल को भक्तिमय कर दिया। ये नज़ारा ऐसा था, जो सिर्फ काशी में ही देखने को मिल सकता है।
Masaan Holi: महाश्मशान बाबा की भव्य पूजा-अर्चना
इस दौरान महाश्मशान बाबा की भव्य पूजा-अर्चना की गई मणिकर्णिका घाट, जहां मृत्यु भी मोक्ष का द्वार बनती है, वहीं महादेव के इस रूप की आराधना का ये अद्भुत तरीका पूरी दुनिया में सिर्फ यहीं देखने को मिलता है। हर-हर महादेव के गगनभेदी जयघोष के बीच भक्तों ने महाश्मशान बाबा की आरती उतारी गई।

घंटे और घड़ियाल के धुनों ने सभी को किया मंत्रमुग्ध
जलती चिताओं के बीच घंटे और घड़ियाल के धुनों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया भस्म से सजे इस अनोखे अनुष्ठान में श्रद्धा और भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा। नागा साधुओं (Masaan Holi) ने धूनी रमाई, और उनके साथ-साथ श्रद्धालुओं ने भस्म को अबीर की तरह उड़ाकर इस आध्यात्मिक होली को और भी दिव्य बना दिया।
वहीं बाबा महाश्मशान (Masaan Holi) की प्रतिमा को चिता की भस्म से श्रृंगारित किया गया, और डमरू, शंख, तथा घंटों की ध्वनि के बीच पूरे घाट पर शिवमय वातावरण छा गया। माना जाता है कि महाश्मशान बाबा की इस पूजा से मृत्यु का भय समाप्त होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
डीजे पर प्रतिबंध के बावजूद नजर आया बेहद उत्साह
हालांकि इस बार मसान होली में डीजे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया, जिससे युवाओं में थोड़ा सा उत्साह कम दिखा, लेकिन श्रद्धा और आस्था की भीड़ में कोई कमी नहीं रही। घाट की ओर जाने वाले सभी रास्ते श्रद्धालुओं से पट गए और हर तरफ “हर-हर महादेव” की आवाज़ें गूंजती रहीं।
पुलिस के रहे चाक-चौबंद बंदोबस्त
बताते चलें कि पुलिस और प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हजारों श्रद्धालुओं ने इस अनूठे पर्व में भाग लिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस फोर्स (Masaan Holi) की भारी तैनाती रही, लेकिन आस्था और उल्लास के इस सैलाब को संभालना आसान नहीं था। घाट पर कदम रखने के लिए भी जगह कम पड़ रही थी, लेकिन भक्तों के जोश में कोई कमी नहीं आई।

तो यही है काशी की मसान होली (Masaan Holi), जहां चिताओं की राख से खेली जाती है ज़िंदगी और मृत्यु के बीच की अनोखी होली। ये नज़ारा जिसने देखा, वो देखता रह गया, और जिसने नहीं देखा — वो बस सुनकर ही रोमांचित हो जाएगा।