पवित्र काशी (Varanasi) की धरती पर आज एक ऐतिहासिक क्षण आने वाला है। देश के 15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, जिन्होंने 12 सितंबर 2025 को पदभार ग्रहण किया, अपनी जीत के बाद पहली बार वाराणसी पहुंच रहे हैं। लगभग शाम 5 बजे लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उनका आगमन होगा, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पारंपरिक स्वागत के लिए तैयार हैं। यह दौरा न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि काशी और तमिलनाडु के बीच प्राचीन सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करने वाला भी साबित होगा।
उपराष्ट्रपति का यह एकदिवसीय प्रवास त्रिस्तरीय अभेद्य सुरक्षा कवच में होगा। एयरपोर्ट से सिगरा स्थित नाटकोटक्षेत्रम धर्मशाला तक का मार्ग पहले ही एडवांस लाइजनिंग सिस्टम (एएसएल) के तहत परख लिया गया है। सीआरपीएफ के 100 से अधिक कमांडो और जवानों के अलावा कुल 2000 पुलिसकर्मी तैनात हैं, जिनमें रूफटॉप स्नाइपर्स, सीसीटीवी नेटवर्क और ड्रोन निगरानी शामिल है।
एयरपोर्ट निदेशक पुनीत गुप्ता, सीआईएसएफ कमांडेंट सुचिता सिंह, डीसीपी गोमती जोन आकाश पटेल समेत वरिष्ठ अधिकारी एएसएल बैठक (Varanasi) में सुरक्षा व्यवस्था की बारीकी से समीक्षा कर चुके हैं। रूट पर सफाई, सड़क पैचवर्क, डिवाइडर रंगाई और लटकते तारों को दुरुस्त करने का काम गुरुवार को कचहरी, अंधरापुल, तेलियाबाग, मलदहिया, सिगरा, रथयात्रा व महमूरगंज क्षेत्रों में पूरा हो गया।
पूर्वांचल की सबसे बड़ी सुविधा, 65 करोड़ की सौगात
एयरपोर्ट (Varanasi) पहुंचते ही उपराष्ट्रपति सीधे सिगरा के रथयात्रा क्षेत्र में निर्मित श्री काशी नाटकोट्टई नगर सत्रम धर्मशाला के लोकार्पण समारोह में पहुंचेंगे। तमिलनाडु आधारित इस सोसाइटी ने 65 करोड़ रुपये की लागत से 910.5 वर्ग मीटर क्षेत्र में यह 10 मंजिला भवन बनवाया है, जो पूर्वांचल की सबसे बड़ी धर्मशालाओं में शामिल हो गया।
इसमें 140 एयर-कंडीशंड कमरे हैं, जहां हर कमरे में तीन श्रद्धालु ठहर सकेंगे। 15 सूट्स में बेडरूम, लॉबी जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं, जबकि परिसर में 174 वाहनों की पार्किंग उपलब्ध है। सबसे बड़ी राहत यह कि तीर्थयात्रियों को तीनों समय का निशुल्क भोजन मिलेगा, और कमरों का किराया उद्घाटन के बाद नाममात्र के दाम पर तय होगा।
17 अप्रैल 2024 को हुआ था शिलान्यास
सोसाइटी के अध्यक्ष एल नारायणन के अनुसार, शिलान्यास 17 अप्रैल 2024 को हुआ था और चेन्नई की यूआरसी कंस्ट्रक्शन ने इसका निर्माण किया। सुबह 8:30 बजे वैदिक विद्वानों ने विधिवत पूजन कर लिया है। यह सोसाइटी का दूसरा सत्रम है, जो दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं की सेवा के साथ युवा पीढ़ी को काशी यात्रा के लिए प्रोत्साहित करेगा।
यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतीक है, जो 2300 वर्ष पुराने काशी-तमिल संबंधों को जीवंत करता है। हनुमान घाट, केदार घाट समेत काशी में बसे 50 हजार से अधिक दक्षिण भारतीय परिवार इसी बंधन (Varanasi) के साक्षी हैं। शास्त्रों में वर्णित अगस्त्य मुनि की दक्षिण यात्रा और तमिल शैव संत श्रीअप्पर स्वामी की काशी यात्रा इसकी गवाही देते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा से शाम 4 बजे के करीब एयरपोर्ट पहुंचकर स्वागत करेंगे और उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति के साथ रहेंगे।
Varanasi: बाबा विश्वनाथ का विशेष अभिषेक
धर्मशाला उद्घाटन (Varanasi) के बाद उपराष्ट्रपति श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे, जहां वे गर्भगृह में बाबा का विशेष अभिषेक करेंगे और षोडशोपचार विधि से पूजन-अर्चन करेंगे। दो दशक से चली आ रही पूजन सामग्री अर्पित करने वाली इस परंपरा को वे आगे बढ़ाएंगे। पूजन के बाद वे बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली लौट जाएंगे। पूरा प्रवास करीब तीन घंटे का रहेगा, जिस दौरान योगी जी उनके साथ बने रहेंगे और बाद में लखनऊ रवाना हो जाएंगे।
काशीवासी (Varanasi) उत्साह से लबरेज हैं। यह दौरा न केवल आध्यात्मिक एकता का संदेश देगा, बल्कि तमिलनाडु से काशी तक के सांस्कृतिक पुल को और मजबूत करेगा। तैयारियां जोरों पर हैं, और शहर की सड़कें स्वागत के लिए सजी हुई हैं।

