जालंधर में ईसाई समुदाय के विरोध के बाद फिल्म ‘Jaat’ से शुक्रवार को वह विवादित दृश्य हटा दिया गया, जिसे लेकर धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाया गया था। फिल्म में दिखाए गए एक चर्च सीन को लेकर सोशल मीडिया और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, जिसके बाद पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़े।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह विवाद पंजाब के जालंधर में सबसे अधिक गरमाया, जहां 15 अप्रैल को ईसाई समुदाय के नेता विकलाव गोल्डी ने पुलिस को शिकायत देकर फिल्म में ईसा मसीह और धार्मिक प्रतीकों के कथित अपमान का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म के एक दृश्य में अभिनेता रणदीप हुड्डा चर्च के अंदर प्रभु ईसा की तरह खड़े दिखाई देते हैं और ‘आमीन’ जैसे पवित्र शब्दों का मज़ाक उड़ाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म में यह संवाद है कि “आपके प्रभु सो रहे हैं, उन्होंने मुझे भेजा है,” जो ईसाई विश्वास पर सीधा हमला है।
Jaat: सड़क से सदर थाने तक विरोध की लहर
इस पूरे विवाद ने तब तूल पकड़ा जब जालंधर में ईसाई समुदाय ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करते हुए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तो वे और बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। इस दबाव के बीच पुलिस ने गुरुवार को सनी देओल, रणदीप हुड्डा, अभिनेता विनीत कुमार, निर्देशक गोपी चंद और निर्माता नवीन मालिनेनी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
10 अप्रैल को रिलीज़ हुई थी फिल्म
फिल्म ‘Jaat’ 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इसके कुछ ही दिनों बाद विवाद खड़ा हो गया। रणदीप हुड्डा, जो हरियाणा के रोहतक के रहने वाले हैं, फिल्म के प्रमोशन के लिए हाल ही में अपने गृह जिले में भी पहुंचे थे। लेकिन रिलीज के बाद जालंधर में जब फिल्म के एक दृश्य को लेकर धार्मिक भावनाओं के आहत होने की बात सामने आई, तो पूरे मामले ने राजनीतिक और सामाजिक मोड़ ले लिया।
कलाकारों को भेजा जाएगा नोटिस
जालंधर पुलिस कमिश्नरेट के जॉइंट कमिश्नर संदीप शर्मा ने कहा है कि जिन कलाकारों और फिल्म Jaat से जुड़े लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच प्रक्रिया निष्पक्ष और कानून के मुताबिक होगी।
Highlights
विवाद के पीछे धार्मिक भावनाएं और असुरक्षा का डर
ईसाई समुदाय के नेता विकलाव गोल्डी का कहना है कि ऐसी फिल्मों (Jaat) से समाज में असहिष्णुता को बढ़ावा मिलता है और चर्चों पर संभावित हमले की आशंका भी पैदा होती है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रस्तुति से न केवल भारत बल्कि विदेशों में बसे ईसाई समुदाय के लोग भी आहत हुए हैं।
फिल्म निर्माताओं की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं
अब तक फिल्म के निर्माता या किसी भी कलाकार की ओर से इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, विवाद बढ़ने और कानूनी कार्रवाई शुरू होने के बाद फिल्म से विवादित सीन को हटा लिया गया है, जिसे एक तात्कालिक समाधान के रूप में देखा जा रहा है।