- छात्राओं की तुलना में कुल 65 में मात्र 15 छात्र ही पा सके सफलता,
- एक डीलिट उपाधि पर भी महिलाओं का कब्जा
- राज्यपाल 17 स्नातक और 46 स्नातकोत्तर के छात्रों को स्वर्ण पदक व प्रमाण पत्रों से नवाजा
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ सभागार में शनिवार को 44वां दीक्षांत मनाया गया। इस बार के दीक्षांत में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले कुल 65 विद्यार्थियों में से 50 छात्राओं ने बाजी मारी है। जबकि मात्र 15 छात्र ही स्वर्ण प्राप्त कर सकें। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 17 स्नातक और 46 परास्नात्क व दो उत्कृष्ट खिलाड़ियों को स्वर्ण पदक व प्रमाण पत्र भेंट किया। इसके अलवा 48 शोध व एक डीलिट की उपाधि दी गई।
दीक्षांत का अंत नहीं, बल्कि शुरुआत
कार्यक्रम की शुरूआत जल संरक्षण थीम पर की गई। जिसमें अध्यक्ष और मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों ने जल से भरे एक छोटे घड़े का पानी एक बड़े घड़े में संरक्षित किया। इसके बाद कार्यक्रम की घोषण हुई। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन हुआ। मुख्य अतिथि हरियाणा महेंद्रगढ़ केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि काशी विद्यापीठ के यश और किर्ति निर्माण में योगदान देने वालों को मैं प्रणाम करता हूं, दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं बल्कि शुरूआत है। कुरुक्षेत्र की भूमि से आया हूं जहां से शिक्षा का उदय हुआ है। यहीं महाभारत का युद्ध और यहीं गीता का उपदेश दिया गया। आज के युवाओं को राष्ट्र के विकास कार्यों में शसक्त भूमिका निभानी चाहिए।

छात्राओं को मिले सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक
इसके पूर्व अतिथियों को गुलाब का फूल देकर स्वागत करते हुए कुलपति आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि छात्रों की तुलना में छात्राओं को सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ है, इसकी खुशी है। विश्वविद्यालय में सभी छात्रों को कौशल विकास के तहत रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह हमारा प्रयास है कि छात्र शिक्षा के साथ रोजगार से भी जुड़ें। बताया कि विश्वविद्यालय को डिजिटल और ऑनलाइन प्रणाली से लैस किया जा रहा है। दीक्षांत में स्नातक की टॉपर आंचल राय को दो स्वर्ण पदक से नवाजा गया। आंचल को बीकॉम ऑनर्स में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए स्वर्ण पदक और समस्त स्नातक कक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर डॉ. भगवान दास स्मृति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। वहीं स्नातकोत्तर में टॉपर निष्ठा द्विवेदी को एमबीए की परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर सीताराम जिंदल फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित स्वर्ण पदक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर डॉ. विभूति नारायण सिंह स्मृति स्वण पदक प्रदान किया गया। इनके अलावा उत्कृष्ठ खिलाड़ियों में महिला संवर्ग में किक बॉक्सिंग की मुस्कान बिजलानी और पुरुष संवर्ग में तीरंदाजी के सौरभ मौर्य को स्वर्ण पदक प्राप्त हुए। इन सबके साथ उपाधि के क्रम में डॉ. अर्चना पांडेय को हिंदी विषय में डीलिट की उपाधि से नवाजा गया।

कार्यक्रम की शुरूआत में कुलपति आनंद कुमार त्यागी ने महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया। संचालन प्रो. बंशीधर पांडेय ने किया। इस दौरान प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भईया विश्वविद्यालय प्रयागराज नैनी के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह, कुलसचिव हरीशचंद के साथ सभी विभागों व संकायों के संकायाध्याक्ष व विभगाध्यक्ष सहित पदक प्राप्त करने वाले छात्र व शोध उपाधि प्राप्त करने वाले शोधार्थी मौजूद रहे।
फतेहपुर के बिंदकी की रहने वाली हूं, मेडल प्राप्त करने का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को जाता है। आगे सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करूंगी।
- निष्ठा द्विेदी, एमबीए, स्नातकोत्तर टॉपर
विश्वविद्यालय के संबंद्ध कॉलेज की छात्रा हूं, मऊ की निवासी हूं, अपने माता पिता और गुरुजनों के आशिर्वाद से यह सफलता प्राप्त की है। दो भाईयों की अकेली बहन हूं, आगे सीवील सर्विसेज की तैयारी करनी है।
- आंचल राय, बीकॉम, स्नातक टॉपर
कोलकाता के खिदिरपुर कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के पद पर हूं, साहित्य को प्रेरणा मानकर जीवनभर प्रयास करती रही हूं। उपलब्धि का श्रेय ईश्वर और सहयोगियों को देती हूं। मां और भाई ने काफी सपोर्ट किया।
- डॉ. अर्जना पांडेय, हिंदी में डीलिट उपाधि