Varanasi: बीएचयू के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान स्थित नेत्र बैंक को पुनः दो कॉर्निया दान में प्राप्त हुईं, जिनकी बदौलत चार मरीजों को दृष्टि पुनः प्राप्त हुई। यह सराहनीय घटना बलिया निवासी स्वर्गीय प्रभावती देवी के मरणोपरांत नेत्रदान से संभव हो पाई।
प्रभावती देवी, जो बलिया के ओक्टेनगंज क्षेत्र की निवासी थीं, का 6 दिसंबर 2024 को सर सुंदरलाल चिकित्सालय के आपातकालीन वार्ड में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके पुत्र, बलिया के प्रतिष्ठित व्यापारी सुनील जायसवाल ने अपनी मां के नेत्रदान की इच्छा जताई। मौके पर उपस्थित उनके मित्र और वरिष्ठ पत्रकार श्री मुकेश श्रीवास्तव ने तत्परता दिखाते हुए नेत्र बैंक के चेयरमैन प्रो. आर.पी. मौर्य से संपर्क किया।
प्रोफेसर मौर्य के निर्देशानुसार, बीएचयू नेत्र बैंक की टीम — डॉ. प्रियंका सिंह, प्रतीक कुमार सिंह और आशुतोष त्रिपाठी — ने तुरंत नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न की। दान में मिली दो कॉर्निया ने चार जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाया।
- पहली कॉर्निया: चंदौली निवासी एक महिला, जिनकी आंख में सफेदी और मोतियाबिंद था, का सफल ट्रिपल प्रोसीजर द्वारा प्रत्यारोपण आरआईओ चीफ प्रो. वी.पी. सिंह ने किया।
- दूसरी कॉर्निया: वाराणसी के कमलगढ़ निवासी एक महिला का सफल प्रत्यारोपण विभागाध्यक्ष प्रो. आर.पी. मौर्य ने किया।
- थेरेप्यूटिक केराटोप्लास्टी: दूसरी कॉर्निया से हटाई गई सफेदी वाली कॉर्निया को गाजीपुर निवासी बीरबल की क्षतिग्रस्त आंख में प्रत्यारोपित किया गया। प्रो. मौर्य ने बताया कि इस प्रक्रिया से उनकी आंख न केवल बचाई गई बल्कि थोड़ा देखने की क्षमता भी वापस आई।
Varanasi: प्रत्यारोपण की सफलता
चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस.एन. संखवार और सर सुंदरलाल चिकित्सालय के अधीक्षक प्रो. के.के. गुप्ता ने इस प्रयास के लिए आरआईओ चीफ प्रो. वी.पी. सिंह, प्रो. आर.पी. मौर्य और उनकी टीम को बधाई दी। साथ ही, नेत्रदाता परिवार को इस महान कार्य के लिए धन्यवाद दिया।
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