चीन में कोरोना के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। लन्दन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी के अनुसार, चीन में प्रतिदिन 10 लाख से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। साथ ही एक दिन में 5 हजार मौतें हो रही हैं। जानकारों का मानना है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो जनवरी में डेली केसेस बढकर 37 लाख तक हो सकते हैं। संभव है कि मार्च तक यह आंकड़ा 42 लाख हो जाए।
हालांकि अन्य आंकड़ों और चीन के अधिकारिक आंकड़ों में काफी ज्यादा अंतर नजर आ रहा है। जैसा कि पहले भी कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन सरकार ने अपने यहां कोविड से मरने वालों का डाटा काउंट करने का तरीका बदल दिया है। यहां जिन मृतक मरीजों को पहले से सांस, हार्ट अथवा अन्य कोई भी रोग होता है, तो उसकी मृत्यु कोरोना से नहीं मानी जाएगी। चीन के अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यहां गुरुवार को 4 हजार नए मामले बताये गए हैं। इससे पहले एयरफिनिटी ने अपने अनुमान में बताया कि चीन में जीरो कोविड पालिसी खत्म होने के बाद 21 लाख मौतें हो सकती हैं।
बच्चों के क्लासेज में भी चढ़ाई जा रही ड्रिप
चीन और चाइना कम्युनिस्ट पार्टी पर नजर रखने वाली ह्यूमन राईट एक्टिविस्ट जेनिफर जोंग ने कुछ वीडियोस पोस्ट किए हैं। जिसमें दिख रहा है कि बच्चों के क्लासेज चलते समय भी उन्हें ड्रिप लगाई जा रही है। क्योंकि उनका संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। वहीँ, एम्प्लाइज को भी संक्रमित होते हुए भी दफ्तर बुलाया गया है। चीनी सरकार का कहना है कि पहले अर्थव्यवस्था को बचाना ज्यादा ज़रूरी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। शमशान घाट पर 2000 लोगों की वेटिंग लिस्ट है। दो-तीन दिनों तक लोगों को शवों के अंतिम संस्कार के लिए इंतज़ार करना पड़ रहा है। सामूहिक अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने एक बार फिर बॉर्डर सील करना शुरू कर दिया है। युन्नान प्रांत में म्यांमार से सटे रुइली शहर में सीमा पार करने वालों पर नजर रखने के लिए कैमरे और अलार्म लगा दिए गए हैं। इतना ही नहीं मोशन सेंसर और इलेक्ट्रिफाइड फेंसिंग भी लगाई है।2021 में भी चीन ने सीमाएं सील कर दी थीं। दूसरे देशों से गैरकानूनी तरीके से आने वाले लोगों को रोकने के लिए सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी थी। रूस से सटे शहर हीये में कोविड के जिम्मेदार लोगों की सूचना देने पर 15 लाख का इनाम तक रखा गया था।
8 महीने में 41 बच्चों की मौत
चीन के बाद जापान में भी कोरोना कहर बरपा रहा है। जापान टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 8वीं लहर आ चुकी है। ओमिक्रोन के नए वैरिएंट के करान बच्चों की मौत हो रही है। 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है। चीन में बिगड़ते हालात ने जापान में भी सनसनी फैला दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रोन का नया वैरिएंट जानलेवा साबित हो सकता है। इस नए वैरिएंट ने अब तक जिन 41 बच्चों की जान ली है, इसमें से 15 बच्चे पहले से बीमार नहीं थे। इनकी उम्र एक साल से भी कम थी। 2 बच्चों की उम्र एक से चार साल के बीच थी। वहीँ, 9 बच्चे 5 साल से ज्यादा की उम्र के थे।