उत्तर प्रदेश में नशीले कफ सिरप के बड़े सिंडिकेट पर एक बार फिर STF का भारी प्रहार हुआ है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने गुरुवार सुबह लखनऊ के गोमतीनगर स्थित ग्वारी चौराहा से फेन्सिडिल और कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी में सक्रिय कुख्यात तस्कर अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के साथ ही नशे के अंडरवर्ल्ड में खलबली मच गई है, क्योंकि यह नेटवर्क सिर्फ प्रदेश तक सीमित नहीं बल्कि बांग्लादेश तक फैला हुआ बताया जा रहा है।
वाराणसी के सिकरौल स्थित वरूणा इन्क्लेव निवासी अमित टाटा लंबे समय से इस पूरे नेटवर्क की महत्वपूर्ण कड़ी माना जाता था। उसके कब्जे से STF ने दो मोबाइल, लग्जरी फॉर्च्यूनर SUV, आधार कार्ड, कैश और कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। प्राथमिक जांच से पता चला है कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के साथ विदेश तक अपना सप्लाई रूट चला रहा था।
पूर्वांचल के बाहुबली से भी कनेक्शन
जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी का सीधा लिंक सहारनपुर के विभोर राणा सिंडिकेट से है, जिसमें पहले ही कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। अब मामले में पूर्वांचल के बाहुबली का नाम उभरने से पूरे नेटवर्क का विस्तार और ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि केवल इसी गिरोह के जरिए 100 करोड़ रुपए से अधिक का माल देशभर में सप्लाई किया गया।
STF सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारोबार के लिए श्री मेडिकल (वाराणसी) एवं देव कृपा मेडिकल (धनबाद) नाम से फर्जी फर्में बनाई गईं। दस्तावेजों, ई-वे बिल तथा बिलिंग सिस्टम तक फर्जी तरीके से तैयार करवाए गए। इस कार्य में शुभम जायसवाल की भूमिका विशेष रही, जिसने कई फर्जी कंपनियां खड़ी कर माल की बड़ी खेप को पूर्वोत्तर राज्यों और बांग्लादेश तक पहुँचाया।
कैसे टूटा गिरोह?
सहारनपुर में 11 नवंबर को विभोर राणा, उसके भाई विशाल राणा समेत चार तस्कर गिरफ्तार
उनसे पूछताछ में शुभम जायसवाल और अमित टाटा का नाम सामने आया
STF ने निगरानी बढ़ाई और गुरुवार को अमित टाटा को राउंडअप करके दबोचा
आरोपी को लंबी पूछताछ के बाद सुशांत गोल्फ सिटी थाने से जेल भेजा गया
ED भी कर रही जांच
यूपी सरकार ने फरवरी 2024 में नशीले कफ सिरप की तस्करी पर निगरानी के सख्त आदेश जारी किए थे। इसी के अंतर्गत STF व ड्रग विभाग लगातार रैकेट पर नजर रखे हुए थे। अब मामला गंभीर वित्तीय अपराध और अंतर्राष्ट्रीय सप्लाई चेन से जुड़ा होने के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच में शामिल हो गया है।
पूछताछ में सामने आया कि अधिकांश माल फर्जी GST नंबर और फर्जी रजिस्ट्रेशन पर खरीदा जाता था। रांची और गाजियाबाद में कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद शुभम जायसवाल दुबई भाग गया, जहाँ से वह वीडियो कॉल के जरिए नेटवर्क चलाता रहा।
अमित टाटा के खिलाफ मुकदमा संख्या 182/2024 के तहत कार्रवाई तेज कर दी गई है। उसके पिछले आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आ रहे हैं, जिनमें लखनऊ व वाराणसी के कई थानों में गंभीर केस दर्ज होने की पुष्टि हुई है। STF को उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी से पूरे रैकेट की और परतें खुलेंगी और कई बड़े नाम बेनकाब हो सकते हैं।

