काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में प्रवेश को लेकर 20 दिनों तक लगातार धरने पर बैठे दलित छात्र शिवम् सोनकर को आखिरकार न्याय मिल गया। विश्वविद्यालय प्रशासन को उनके सामने झुकना पड़ा और उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए प्रवेश की अनुमति दे दी गई। केंद्रीय सरकार के हस्तक्षेप और यूजीसी के निर्देश के बाद, बची हुई सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें शिवम् सोनकर का नाम सबसे पहले शामिल हुआ।

BHU स्थित मालवीय भवन जाकर जताया महामना का आभार
प्रवेश मिलने के बाद शिवम् सोनकर भावुक हो उठे और BHU के मालवीय भवन जाकर महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा के समक्ष सिर नवाया। उन्होंने इस संघर्ष की जीत का श्रेय महामना को देते हुए कहा, “मुझे यकीन था कि महामना अन्याय नहीं होने देंगे। यह मेरी नहीं, सत्य की जीत है।”

उन्होंने बताया कि उन्होंने मालवीय शोध अध्ययन केंद्र में रजिस्ट्रेशन कराया, फीस जमा की और विश्वविद्यालय से एडमिशन लेटर प्राप्त किया। शिवम् ने उन सभी लोगों का आभार जताया जिन्होंने 20 दिनों तक उनका साथ दिया, खाना खिलाया और उनका हौसला बढ़ाया।