महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय (MGKVP) में इस बार का दीक्षांत समारोह 8 अक्टूबर को होने जा रहा है, लेकिन उससे पहले ही विश्वविद्यालय का माहौल राजनीतिक रंग में रंग गया है। समारोह से दो दिन पहले मंगलवार को छात्रों ने विरोध का ऐसा अनोखा तरीका अपनाया, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
मानविकी संकाय (MGKVP) के सामने स्थित पार्क में जब तीन दिन की बारिश के बाद पानी भर गया, तो छात्रों ने वहीं धान की रोपाई शुरू कर दी। हाथों में पौधे लिए और नारों से गूंजते वातावरण में छात्रों ने कहा— “जब विश्वविद्यालय प्रशासन को भ्रष्टाचार के पानी में तैरना ही है, तो हम धान क्यों न बोएं!”

इस विरोध का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता हर्षित तिवारी ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी नारेबाज़ी या फोटो अवसर के लिए नहीं, बल्कि “सिस्टम की सड़ी हुई जड़ों को उजागर करने” के लिए है। उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्यपाल की मौजूदगी में विश्वविद्यालय (MGKVP) को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के लिए ढाई करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था, ताकि बरसात का पानी और सीवर का बहाव नियंत्रित हो सके।
MGKVP: रुद्राक्ष में दीक्षांत समारोह पर आपत्ति
छात्रों का विरोध सिर्फ जलजमाव तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने सवाल उठाया कि इस बार दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय परिसर के बजाय रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में क्यों कराया जा रहा है? छात्रों का कहना है कि दीक्षांत समारोह का स्थान बदलना “भ्रष्टाचार छिपाने की कोशिश” है।
उन्होंने कहा कि “अगर दीक्षांत विश्वविद्यालय के भीतर होता, तो राज्यपाल, उच्च शिक्षा मंत्री और राज्य शिक्षा मंत्री को अपनी आंखों से यहां की सच्चाई दिखाई देती। लेकिन प्रशासन (MGKVP) ने समारोह रुद्राक्ष में रखकर अपनी नाकामी पर पर्दा डाल दिया,” छात्रों ने कहा।
कई छात्रों ने यह भी कहा कि काशी विद्यापीठ जैसे ऐतिहासिक संस्थान की गरिमा उसी के प्रांगण में समारोह आयोजित करने में है, न कि किसी बाहरी सेंटर में। “गांधी जी की आत्मा इस दिखावे से आहत होती,” एक छात्र ने भावुक स्वर में कहा।
सूत्रों के अनुसार, पिछले वर्ष राज्यपाल ने विद्यापीठ प्रशासन को सीवर ट्रीटमेंट के लिए विशेष निधि मंजूर की थी। लेकिन परियोजना का कोई ठोस काम शुरू नहीं हुआ। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या विश्वविद्यालय प्रशासन ने वास्तव में उस राशि का उपयोग किया या नहीं?
MGKVP: दीक्षांत समारोह की तैयारियाँ जारी
वहीं दूसरी ओर, रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में तैयारियाँ जोरों पर हैं। मंच सजाया जा रहा है, डिग्रियों की छपाई अंतिम चरण में है, और शहर भर में पोस्टर लग गए हैं। समारोह में राज्यपाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उच्च शिक्षा मंत्री की उपस्थिति संभावित है। परंतु इस बीच, कैंपस में “धान का विरोध” चर्चा का विषय बन गया है— सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हैं, और कई पूर्व छात्र भी टिप्पणी कर रहे हैं कि “काशी विद्यापीठ फिर आंदोलन की धरती बन गया।”