Varanasi: वाराणसी में मंगलवार को बड़ी संख्या में फेरी, पटरी और ठेला व्यवसायियों ने एकजुट होकर नगर निगम मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय फेरी पटरी ठेला व्यवसायी संगठन के बैनर तले, महासचिव अभिषेक निगम के नेतृत्व में सैकड़ों पटरी व्यवसायियों ने पुलिस उत्पीड़न और पुनर्वास की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को अपना एक मांग पत्र सौंपा।
Varanasi: प्रदर्शकारियों ने दी चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन को यह चेतावनी दी कि अब वे चुप बैठने वाले नहीं हैं। अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वो और भी उग्र प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह आंदोलन केवल स्थान या सुविधा के लिए नहीं, बल्कि अपने सम्मान, अस्तित्व और अधिकारों की लड़ाई है।

इस मौके पर महासचिव अभिषेक निगम (Varanasi) ने चेतावनी देते हुए कहा कि, “यदि पुलिस द्वारा फेरी वालों के उत्पीड़न पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई, तो संगठन की ओर से गठित संघर्ष समिति जल्द ही अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू करेगी।”
नगर आयुक्त ने लिया तत्काल एक्शन
वहीं मांग पत्र प्राप्त होने के बाद नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फौरन एक्शन लिया। उन्होंने “पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण एवं विनियमन) अधिनियम, 2014” के तहत पुलिस आयुक्त को पत्र जारी कर पुलिस उत्पीड़न पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही नगर आयुक्त ने व्यवसायियों (Varanasi) को यह आश्वासन भी दिया कि चौकघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे स्थित नाइट मार्केट से विस्थापित हुए असली पटरी व्यवसायियों की सूची बनाई जाएगी और उन्हें वेंडिंग जोन में पुनर्स्थापित किया जाएगा।
मांग पत्र सौंपने और विरोध दर्ज कराने वालों में प्रमुख रूप (Varanasi) से राजेंद्र प्रसाद सिंह, हरिशंकर सिन्हा, अस्पताली सोनकर, अरविंद मौर्या, नूर मोहम्मद, गणेश यादव, मनोज जायसवाल, जय हिंद सोनकर, प्रकाश सोनकर, प्रेमचंद पांडे, छोटू झा, शीला, कुंती, मुन्नी, रेखा, विजय यादव, रामचंद्र प्रजापति, सुभाष भारद्वाज, सुरेंद्र यादव, लक्ष्मण राय, लक्खू सोनकर समेत अन्य कई फेरी पटरी व्यवसायी शामिल थे।