Dev Deepawali 2023: देव दीपावली के मद्देनजर काशी विश्वनाथ धाम को भी सजाया जा रहा है। अब से कुछ ही देर में काशी में देव दीपावली शुरू होगी। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ भी देव दीपावली मनाएंगे। इसके लिए कोलकाता और बंगलुरू से मंगाए फूलों से 11 टन फूलों से बाबा का श्रृंगार किया जाएगा।
इससे पहले बाबा रविवार को ही देव दीपावली मानने वाले थे। लेकिन उदया तिथि होने के कारण इसे एक दिन आगे बढ़ा दिया गया। इसके साथ देव दीपावली की दो दिनों की तारीखों का संशय भी दूर हो गया। आज 27 नवंबर को पूरी काशी पुराधिपति के साथ देव दीपावली मनाएगी।
देव दीपावली (Dev Deepawali 2023) के दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 9 मिनट से 7:49 तक रहेगा। इस अवधि में दीपदान शुभ माना जाता है। 5, 11, 21, 51 या 108 दीपक किसी नदी, सरोवर, मंदिर में जलाने चाहिए। उदया तिथि के अनुसार काशी में देव दीपावली का आयोजन 27 नवंबर को होगा। कार्तिक पूर्णिमा पर शिवयोग और कृतिका नक्षत्र का संयोग बन रहा है जो भक्तों पर सुख और सौभाग्य बरसाएगा। इसके साथ ही कार्तिक मास के धार्मिक नियम-संयम का समापन हो जाएगा।

Dev Deepawali 2023: ये है दीपदान का मुहूर्त
काशी के ज्योतिषाचार्य पं० विमल जैन के मुताबिक, कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Dev Deepawali 2023) 26 नवंबर को दिन में 3:54 बजे लगेगी और 27 नवंबर को दोपहर 2:46 बजे तक रहेगी। 26 को भरणी नक्षत्र दिन में 2:06 बजे तक रहेगा। इसके बाद कृतिका नक्षत्र लगेगा, जो 27 नवंबर को दिन में 1:36 बजे तक रहेगा। शिवयोग 26 नवंबर को रात में 1:36 मिनट से 27 नवंबर को रात 11:38 बजे तक रहेगा।
पूर्णिमा तिथि पर कृतिका नक्षत्र और शिवयोग का अनूठा संयोग विशेष फलदायी रहेगा। इस दिन भगवान विष्णु, महादेव और कार्तिकेय की पूजा का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि इस तिथि के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। भगवान शिव के आशीर्वाद से मां दुर्गा ने महिषासुर का वध करने के लिए शक्ति अर्जित की थी। इसी दिन सायंकाल में भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था।