Varanasi: देव दीपावली के अवसर पर काशी नगरी में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब समूची काशी भक्ति और आस्था में रंगी हुई प्रतीत हुई। यह ऐसा अवसर था जब साक्षात ईश्वर काशी की धरती पर उतर आते हैं, और पूरा शहर दिव्य ऊर्जा से सराबोर हो जाता है। विशेष रूप से गंगा के घाटों को सजाने का कार्य भव्य रूप से किया गया था, जिससे काशी की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को एक नई चमक मिली।
नमो घाट से अस्सी घाट तक पूरे घाटों को इस तरह सजाया गया जैसे कोई दुल्हन सज रही हो। हर घाट पर दीपों की आभा और रंग-बिरंगे झालरों ने समूचे वातावरण में दिव्यता का संचार किया। विशेष रूप से रात के समय जब ये दीप जलने लगे, तो घाटों की सुंदरता और भव्यता किसी सपने जैसा प्रतीत हो रहा था। इन दीपों की रौशनी से गंगा के पानी में एक अद्भुत चमक आ गई थी, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया। घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु दीपों की आभा में नहाते हुए गंगा में डुबकी लगा रहे थे और प्रभु से आशीर्वाद की कामना कर रहे थे।

Varanasi: फोटो लेने को उमड़े लोग
श्री काशी विश्वनाथ धाम के समक्ष एक और यादगार घटना घटित हुई, जब लगभग 15 मिनट तक आसमान आतिशबाजी से गूंज उठा। यह आतिशबाजी काशी के आकाश को रंगीन बना रही थी, और उस दौरान पूरा वातावरण दिव्य ऊर्जा से भर उठा। इसके दृश्य को देखने के लिए घाटों पर लाखों की संख्या में लोग जुटे थे। हर कोई आतिशबाजी के इस अद्भुत प्रदर्शन को अपनी आँखों में कैद कर रहा था और देव दीपावली के इस मौके को यादगार बना रहा था।

दर्शनार्थियों ने इस दिव्य दृश्य का भरपूर आनंद लिया। गंगा के घाटों पर अनेकों श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने इस उत्सव के दौरान काशी की भक्ति में रमा और दीपों की रौशनी के बीच अपनी श्रद्धा अर्पित की। काशी में इस दिन की पूजा-अर्चना और धार्मिक उत्सव ने लोगों के दिलों में आस्था और विश्वास की एक नई लहर पैदा की।

